आइटी पार्क के निवेशकों को नहीं देना होगा जल, विकास और रखरखाव शुल्क

 आइटी पार्क के निवेशकों को नहीं देना होगा जल, विकास और रखरखाव शुल्क
SET News:

आइटी पार्क में जमीन लेने वाले निवेशकों को नगर निगम ने राहत दी है। उनके द्वारा यहां पर निर्माण कार्य के पूर्व नगर निगम को विकास शुल्क देना थी, लेकिन लगातार निवेशक इसका विरोध कर रहे थे। उनका कहना था कि जब यह राशि आइटी पार्क प्रबंधन को दे दी जा चुकी है तो नगर निगम को क्या दी जाए। इसको लेकर नगर निगम और निवेशक आमने-सामने थे। अंतत: नगर निगम प्रशासन ने निवेशकों की बात मानने हुए उनसे विकास शुल्क न लेने का निर्णय लिया। उनके इस निर्णय का असर अब दिखने लगा है।

दरअसल नगर निगम के प्रशासक एवं संभागायुक्त बी चंद्रशेखर और निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ ने आइटी पार्क के निवेशकों दी गई राहत में कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिससे निवेशक खुश हैं। जानकारी के मुताबिक आइटी पार्क में निवेश को बढ़ाने, उनके व्यापार के प्रोत्साहन और रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए प्रशासन ने कई शुल्कों में राहत दी। अब आइटी पार्क में भवन निर्माण करने वालों से भवन अनुज्ञा शुल्क नहीं लिया जाएगा। इस सम्‍बंध में जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि निर्माण कार्य करने वालों से मलबा शुल्क नहीं लिया जाएगा। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि आइटी पार्क में जल प्रदाय एवं सफाई एवं अन्य रखरखाव नगर निगम द्वारा नहीं किया जाता है।

वापस होगी सुरक्षा निधि : आइटी पार्क के निवेशकों से जल शुल्क एवं विकास अथवा रखरखाव शुल्क भी नहीं लेने का निर्णय लिया गया है। वाटर हार्वेस्टिंग का स्ट्रक्चर बनाने के बाद निवेशकों द्वारा नगर निगम में जमा कराई गई सुरक्षा निधि वापस की जाएगी। निगम प्रशासक एवं संभागायुक्त बी चंद्रशेखर एवं निगमायुक्त आशीष वशिष्ठ ने बताया कि नक्शा स्वीकृति संबंधी कठिनाइयों को भी दूर कर उन्हें राहत प्रदान की जा रही है। आइटी पार्क के निवेशकों को राहत मिलने से रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे जिसका फायदा शहर के युवाओं को मिलेगा साथ ही निवेशकों का व्यापार भी बढ़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भवन अनुज्ञा प्रकरणों पर नियमानुसार परीक्षण शुल्क, भवन अनुज्ञा शुल्क, एवं शासन के नियमानुसार भवन एवं संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल शुल्क देय होगा।

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