।। मध्यप्रदेश ।। न्यायिक सुरक्षा पर स्टेट्स रिपोर्ट पेश न करने पर लगा 10 हजार की कास्ट

 ।। मध्यप्रदेश ।।  न्यायिक सुरक्षा पर स्टेट्स रिपोर्ट पेश न करने पर लगा 10 हजार की कास्ट
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जबलपुर (सेट न्युज़)। मप्र उच्च न्यायालयस ने न्यायिक सुरक्षा जैसे संवेदनशील मसले पर पूर्व निर्देश के परिपालन में स्टेट्स रिपोर्ट पेश न किए जाने के रवैये को आड़े हाथों लिया। इसी के साथ राज्य शासन पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया। जुर्माना राशि सहित स्टेट रिपोर्ट पेश करने दो सप्ताह का समय दिया गया है। यह मामला मंदसौर के एक जज के साथ हुई अभद्रता की घटना को संज्ञान में लेते हुए न्यायालयों, न्यायिक अधिकारियों व कर्मियों और परिसर की सुरक्षा के संबंध में जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की व्यवस्था से संबंधित है।
मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ और न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ के समक्ष बुधवार को मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य की ओर से स्टेटस रिपोर्ट नदारद होने पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए जुर्माना लगा दिया।

यह था मामला
23 जुलाई 2016 को न्यायिक अधिकारी राजवर्धन गुप्ता के साथ मंदसौर के राष्ट्रीय राजमार्ग पर अभद्रतापूर्वक झूमाझटकी की गई थी। जिस पर उच्च न्यायालय के तत्कालीन रजिस्ट्रार जनरल मनोहर ममतानी ने पहले प्रारंभिक जांच कराई। प्रारंभिक जांच समाचार पत्र की संबंधित खबरों, वीडियो क्लिपिंग्स और अन्य साक्ष्यों से जज गुप्ता पर हुए हमलों की पुष्टि होने पर रजिस्ट्रार जनरल ने पूरा मामला तत्कालीन कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन के समक्ष पेश किया था।

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