जबलपुर: स्वास्थ्य के बहाने जेल अस्पताल पहुंचा मेबिन,शिक्षा माफिया और रसूखदार लॉबी सक्रिय, थाना से लेकर जेल तक में आवभगत

SET NEWS जबलपुर ! विजय नगर के जॉय स्कूल में अवैध फीस वसूली मामले में आरोपों में घिरे जॉय स्कूल के संचालक अखिलेश मेबिन पर शिकंजा कसता जा रहा है। हालांकि रसूख और धनबल की शक्ति से रिमांड के दौरान विजय नगर थाना से लेकर जेल तक में आवभगत की वह तमाम सुविधाएं मिल रही है जिसका वह हकदार नहीं है। सूत्रों की माने तो पुलिस रिमांड के दौरान भी उसे विजय नगर पुलिस थाने में अतिथि सत्कार की तरह सुविधाएं मिली। वहीं जेल सूत्रों का दावा है कि मेबिन के स्वास्थ्य का हवाला देकर उन्हें जेल अस्पताल में भर्ती करा दिया है। सूत्रों का कहना है कि कुछ सियासतदार उसकी मदद करने में भी जुट गए है जो समय-समय पर उससे उपकृत हुए हैं। यह मामला अब केवल अवैध फीस वसूली तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि इसमें लग्जरी कारों, करोड़ों के फंड के हेरफेर, जेडीए से नियम कायदों से खिलवाड़ से लेकर एक पत्रकार पर हमले तक के आरोप शामिल हो गए हैं।
पत्रकार पर हमले की घटना-
इस मामले की जांच करते समय एक पत्रकार पर हमले का मामला भी उठकर सामने आया है। आरोप है कि एक पत्रकार के बच्चों की फीस को लेकर विवाद पुराना है| इस मामलें में करीब दो साल पहले काफी तूल पकड़ा था। मेबिन पर कार्रवाई के बाद इस पत्रकार पर हमले की घटना ने फिर चर्चा को जन्म दे दिया। अब आरोप लग रहे है कि मेबिन के गुर्गो के इशारे पर पत्रकार पर हमला कराया गया है। हालांकि यह बात सिर्फ चर्चाओं और शंकाओं में है इस बात की कोई पुष्टि या अब तक कोई पुख्ता सुराग नहीं लगा है।
जांच में शामिल नए चेहरे-
जांच के दौरान नए चेहरे भी सामने आ रहे हैं। कई स्थानीय नेताओं एक प्रशासनिक अधिकारी और सामाजिक व्यक्तियों का नाम भी इस मामले में उछल रहा है, जो संभवतः इस अवैध वसूली से आए पैसे के हेरफेर में शामिल हो सकते हैं। पुलिस इस संबंध में गहराई से जांच कर रही है ताकि सभी संबंधित व्यक्तियों की पहचान की जा सके और मामले की सही तस्वीर सामने आ सके।
पूरी व्यवस्था पर गंभीर सवाल-
जॉय स्कूल के मामले में उठे सवाल और नए आयाम इस बात का संकेत देते हैं कि यह मामला बहुत ही गंभीर और जटिल है। अब देखना यह है कि पुलिस और जांच एजेंसियां इस मामले में किन नए तथ्यों को उजागर करती हैं और क्या ये आरोप सच में उन व्यक्तियों तक पहुंचेंगे जो इस अवैध गतिविधि के पीछे हैं। इस प्रकरण ने शिक्षा व्यवस्था और स्कूलों की पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं, जो न केवल स्थानीय बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बने हुए हैं।
मेबिन को बचाने लाबी सक्रिय-
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, कई नई जानकारी सामने आ रही हैं। जॉय स्कूल के मामलों में कुछ सफेदपोश नेता और शिक्षा माफिया शामिल होने की बातें सामने आ रही हैं, जो मेबिन को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि रिमांड और जेल में विशेष रियायतें पाने के लिए आरोपी ने बड़े पैमाने पर धन बल का सहारा लिया। इस पैसे के प्रवाह से किसने अनैतिक लाभ लिया है, यह भी अब जांच का मुख्य विषय बन गया है।
ये था मामला-
गौरतलब है कि विगत दिनों कलेक्टर जबलपुर की अवैध फीस वसूली कार्यवाही के तहत करोड़ों की अवैध फीस वसूलने के आरोप में जाय स्कूल संचालक अखिलेश मेबिन और सचिव को अनुराग श्रीवास्तव को हिरासत में लिया गया था। स्कूल प्रबंधन पर आरोप है कि उसने 15 हजार 606 छात्रों से 25 करोड़ 21 लाख 12 हजार 40 रुपये की अधिक फीस वसूली की थी, जिसका दुरुपयोग किया। इस मामले में गिरफ्तार अध्यक्ष सचिव को न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड पर भेजा गया। रिमांड पूरी होने के बाद अब दोनों को जेल भेज दिया गया. पुलिस इस मामले में जांच में जुटी है।
सुनील सेन सेट न्यूज जबलपुर,7974423030