जबलपुर: चाकूबाजी हुई तो दर्ज होगा सीधे 307,पुलिस कप्तान का अधीनस्थों को फरमान, वारदातों में आएगी कमी

 जबलपुर: चाकूबाजी हुई तो दर्ज होगा सीधे 307,पुलिस कप्तान का अधीनस्थों को फरमान, वारदातों में आएगी कमी
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SET NEWS, जबलपुर। चाकूबाजी के मामलों पर नकेल कसने और चाकूबाजों पर सख्त कार्यवाही करने के मामले में अब पुलिस कप्तान संपत उपाध्याय ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। अब चाकूबाजी की किसी भी घटना में सीधे हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया जा रहा है। कानून के जानकार और अपराधी धारा 307 के नाम से इसको बखूबी जानते है। ऐसे अपराधियों को जेल में रहना ही पड़ता है और ये कानूनी दांव पेंच का लाभ भी नहीं उठा पाते। पुलिस द्वारा चाकूबाजों पर सख्त कार्रवाई करने का सिलसिला शुरू करते ही चाकू बाजी की घटनाओं में कमी नजर आ रही है। अपराधियों में पुलिस का डर होना बहुत जरूरी माना जा रहा है। पुलिस अधीक्षक ने अपने अधीनस्थों को यही डर पैदा करने के लिए निर्देश दिए हैं। पुलिस की यह सख्ती उन चाकूबाजों के हौसले पस्त करने के लिए काफी साबित हो रही है जो खुलेआम शहर की सड़कों पर मामूली सी बातों पर भी चाकू से हमला करने में पीछे नहीं हटते।

नही मिलता जमानत का लाभ-
चाकूबाजी की किसी भी घटना में आरोपियों के खिलाफ 307 का मामला दर्ज होने से न्यायालय भी अपराध की प्रवृत्ति को देखते हुए ऐसे अपराधियों को और 307 के आरोपियों को लंबे समय तक जेल की यात्रा पर भेज देते हैं जहां इनकी गुंडागर्दी का भूत भी उतरता है और इन्हें सजा भी भुगतना पड़ती है। क्योंकि गंभीर अपराध में लिप्त ऐसे लोगों को जमानत का लाभ भी जल्दी नहीं मिलता है।

एक माह में दर्ज हए 34 प्रकरण-
यह जो आंकड़े पुलिस के माध्यम से सामने आए हैं उसके अनुसार विगत नवंबर महीने में जिले के विभिन्न थाना क्षेत्र में हत्या के प्रयास के 34 मामले दर्ज हुए। लेकिन इसका बिल्कुल भी यह मतलब नहीं है कि गंभीर अपराधों की श्रेणी में बढ़ोतरी हुई है। बल्कि अपराधियों से निपटने की गंभीरता को और बढ़ा दिया है। पुलिस यह मानकर सख्त कार्यवाही कर रही है कि जिस भी घटना में चाकू का उपयोग हमले के लिए हो रहा है उसे हत्या का प्रयास ही माना जाए क्योंकि ऐसे ही मामले में कई बार अत्यधिक रक्त रिसाव और गहरी चोटों के कारण कई मासूम लोगों की जान भी गई है।

सुनील सेन सेट न्यूज जबलपुर, 7974423030

 

 

jabalpur reporter

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