जबलपुर: आराधना का प्रत्यक्ष दर्शन ही भगवान् का अवतार है- ब्रह्मचारी चैतन्यानंद जी,श्रीमद्भागवत कथा में गूंजे धर्म, भक्ति और संस्कार के स्वर, रोजाना उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब

SET NEWS, जबलपुर। गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर श्री बगुलामुखी सिद्धपीठ शंकराचार्य मठ सिविक सेंटर मढ़ाताल में आयोजित श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह के अंतर्गत तीसरे दिन भक्ति, ज्ञान और आध्यात्मिक चेतना का अद्भुत संगम देखने को मिला। इस अवसर पर संत ब्रह्मचारी चैतन्यानंद जी ने प्रवचन करते हुए कहा कि जब भक्त सच्ची श्रद्धा से आराधना करता है, तो वह आराधना ही ईश्वर का प्रत्यक्ष अवतार बन जाती है। उन्होंने बताया कि परमात्मा सत्य-स्वरूप, निर्गुण-निराकार होते हुए भी इस सृष्टि के प्रत्येक कण में विद्यमान हैं। ब्रह्मा से लेकर एक तिनके तक, समस्त चराचर जगत उसी परम सत्ता की योजना का हिस्सा है। भगवान अपने भक्तों के कल्याण हेतु अनेक रूपों में प्रकट होते हैं और यही अवतार की परंपरा है।
सृष्टि का आरंभ और श्रीमद्भागवत की परंपरा-
चैतन्यानंद जी ने कहा कि भगवान ब्रह्मा को सृष्टि के सृजन का माध्यम बनाकर मनु और शतरूपा के द्वारा मैथुनी सृष्टि का प्रारंभ हुआ। यही से मानव जाति का विस्तार हुआ। उन्होंने बताया कि राजा परीक्षित के माध्यम से श्री शुकदेव जी द्वारा श्रीमद्भागवत कथा की साप्ताहिक परंपरा का शुभारंभ हुआ, जो आज तक भक्तों को धर्म और आत्मबोध की ओर अग्रसर कर रही है।
ध्रुव, प्रह्लाद और जड़भरत की सुनाई कथा-
कथा में ध्रुव चरित्र के माध्यम से उन्होंने बताया कि मां सुनीति के दिए गए संस्कारों और सद्गुरु के उपदेशों ने बालक ध्रुव को ईश्वर की साक्षात प्राप्ति करवाई। ब्रह्मचारी जी ने कहा कि मां ही प्रथम गुरु होती है, और सद्गुरु उसका विस्तार। कथा के दौरान कपिल गीता, पृथु चरित्र, सती और जड़भरत, प्रह्लाद-नृसिंह अवतार जैसी दिव्य कथाओं का भावपूर्ण वर्णन किया गया। भक्त प्रह्लाद के प्रसंग में उन्होंने बताया कि भगवान अपने भक्तों की रक्षा हेतु ब्रह्मा के दिए वरदानों की मर्यादा को तोड़कर भी नृसिंह अवतार लेते हैं, जिससे सिद्ध होता है कि भक्ति सबसे बड़ी शक्ति है।
व्यापक श्रद्धा और पूजन विधि-
इस पावन आयोजन में व्यास पीठ का भव्य पूजन किया गया। पूजन में संजय मिश्रा, मधु मिश्रा, श्याम नीता चौधरी, गोविंद-पद्मिनी विश्वकर्मा, विजय नेहा साहू, रत्ना सुनील गुप्ता, शशिकांत शिखा तिवारी, आरती नितिन सराफ, राजू रानू गुप्ता, अंजना शुक्ला शामिल रहे। वहीं अखिल तिवारी, तुलसी अवस्थी, पीयूष दुबे, वैभव दुबे, अंकित दीक्षित, पुष्पेंद्र सिंह परिहार, शुभम चौरसिया, रोहित साहू, राहुल मौर्य, अभिषेक उपाध्याय, गौरव चौबे, आशीष चौकसे, विनोद अरोरा, नवीन यादव, मनोज सेन समेत अनेक श्रद्धालु सम्मिलित हुए।
भावनाओं से भरी भक्ति संध्या-
संध्याकाल में भजन संध्या का आयोजन भी हुआ जिसमें स्थानीय भक्तों ने भक्ति गीतों के माध्यम से वातावरण को भक्तिमय बना दिया। आयोजन समिति ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा का यह दिव्य आयोजन आगामी दिनों तक जारी रहेगा, जिसमें सभी श्रद्धालु सपरिवार आमंत्रित हैं।