जबलपुर: 11 माह से मामले की फाइल दबा कर बैठीं फूड कंट्रोलर! -पोर्टल से छेड़छाड़ कर करोड़ों की राशन सामग्री का हेरफेर, शासन ने दिए थे एफआईआर के निर्देश, कलेक्टर से की गई शिकायत

जबलपुर। अपनी पहली पोस्टिंग के दौरान विवादों से घिरी रहीं जिला आपूर्ति नियंत्रक (फूड कंट्रोलर) नुजहत बानो बकाई दूसरी पोस्टिंग के दौरान भी विवादों से अछूती नहीं रह पा रही हैं। राइस मिलर्स को क्लीन चिट, गैस एजेंसी, पेट्रोल पंपों से अवैध वसूली और एक ही राशन दुकानदार को 6-6 राशन दुकानें नियम विरुद्ध सौंपने के आरोपों के बाद इस बार उन पर पीओएस मशीन / एईपीडीएस पोर्टल से छेड़छाड़ कर करोड़ों रुपए की राशन सामग्री की हेरफेर का आरोप लगाया गया हैं। हैरानी की बात यह हैं कि मामला संज्ञान में आने के बाद शासन ने लगातार विभाग को मामले में जांच कर दोषियों के खिलाफ एफआईआर के निर्देश जारी कर कार्रवाई के संदर्भ में शासन को अवगत कराने के संबंध में कई पत्र जारी कर चुका हैं लेकिन विगत 11 माह से मामले की फाइल और शासन के पत्रों को कथित तौर पर फूड कंट्रोलर ठंडे बस्ते में डाले हुए हैं। यह आरोप लगाते हुए गत दिवस कलेक्टर दीपक सक्सेना को एक शिकायत सौंपी गई हैं। शिकायतकर्ता ने फूड कंट्रोलर जबलपुर, नुजहत बानो बकाई पर पी.ओ.एस. मशीन / एईपीडीएस पोर्टल में छेड़छाड़ कर 2. 20 करोड़ की राशन सामग्री की हेराफेरी का आरोप लगाते हुए इस संबंध में एफआईआर दर्ज कराने की मांग की।
लगाए गए गंभीर आरोप-
हेराफेरी के दस्तावेजों के साथ शासन द्वारा जारी पत्रों सहित दी गई शिकायत में आरोप लगाया गया हैं कि फूड कंट्रोलर जबलपुर, नुजहत बानो द्वारा कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों के सहयोग से पी.ओ.एस. मशीन / एईपीडीएस पोर्टल में कथित तौर पर छेड़छाड़ कर राशन दुकान क्रमांक 3316156, 3316311, 3316326, 3316331, 3316332, 3316333, 3316392, 3316395, 3316396 तथा 3316345 का 3917.80 क्विंटल गेहूं 3387.80 क्विंटल चावल, 38.27 क्विंटल नमक तथा 9.70 क्विंटल शक्कर का स्टाक घटा कर 2.20 करोड़ रुपये से अधिक की राशन सामग्री की कथित तौर पर कालाबाजारी कराई गई हैं। शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया कि इसके एवज में फूड कंट्रोलर द्वारा 900 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से कथित तौर पर 60 लाख रुपये में अधिक की रिश्वत वसूली गई। शिकायत में कहा गया हैं कि इस कथित घोटाले की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराए जाने हेतु 10 अक्टूबर 2024 को शासन द्वारा पत्र क्रमांक 5356/खाद्य / 2024 भोपाल और 2 जून 2025 को 3148/खाद्य /2025 भोपाल के माध्यम से लिखा भी गया हैं। किन्तु शासन के आदेश को भी कथित तौर पर फूड कंट्रोलर नुजहत बानो द्वारा दबा दिया गया हैं। शिकायत में कलेक्टर से मांग की गई हैं कि घोटाले में शामिल फूड कंट्रोलर नुजहत बानो सहित कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों सहित समस्त दोषियों के विरुद्ध तत्काल प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराये जाने के निर्देश जारी करें।
शासन को तक नहीं भेजा गया जवाब-
जबलपुर जिले की शासकीय उचित मूल्य दुकानों पर लगाई गई पीओएस मशीन/पोर्टल से राशन सामग्री का स्टॉक कम किए जाने के संबंध में शासन द्वारा संचालनालय के माध्यम से 10 अक्टूबर 2024 को पत्र क्रमांक 5356, 18 दिसंबर 2024 को पत्र क्रमांक 9615, एवं 31 जनवरी 2025 को पत्र क्रमांक 480 के बाद 2 जून 2025 को 3148/खाद्य /2025 पत्र जारी किया गया। जिसमें कहा गया कि जबलपुर जिले की शासकीय उचित मूल्य दुकानों पर लगाई गई पीओएस मशीन/पोर्टल से राशन सामग्री के स्टॉक कम कर अनाधिकृत लाभ अर्जित करने वालों की जांच कराते हुए आरोपियों के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई जाए। शासन ने पत्र में दो टूक कहा कि संदर्भित पत्रों के द्वारा बार-बार स्मरण कराने के उपरांत भी प्रकरण में की गई, जांच एवं आरोपियों के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराने के संबंध में अद्यतन स्थिति से अवगत नहीं कराया गया है। शासन द्वारा प्रकरण में की गई कार्रवाई की जानकारी चाही गई हैं। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के आयुक्त कर्मवीर शर्मा द्वारा जारी पत्र में कहा गया हैं कि उक्त संबंध में की गई कार्रवाई से शीघ्र अवगत कराएं।