SETNEWS Special # 20 अगस्त 1897: मलेरिया की गुत्थी सुलझी – जब सर रोनाल्ड रॉस ने मच्छर को बताया असली अपराधी

 SETNEWS Special # 20 अगस्त 1897: मलेरिया की गुत्थी सुलझी – जब सर रोनाल्ड रॉस ने मच्छर को बताया असली अपराधी
SET News:

बीमारियों के अंधकार में उजाले की किरण बनी यह खोज, जिसने लाखों जिंदगियां बचाईं

सेटन्यूज़, सत्यजीत यादव। 20 अगस्त 1897: आज का दिन चिकित्सा विज्ञान के इतिहास में एक ऐतिहासिक मोड़ के रूप में दर्ज है। 20 अगस्त 1897 को ब्रिटिश चिकित्सक सर रोनाल्ड रॉस ने यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध किया कि मलेरिया का संक्रमण मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है। यह खोज न सिर्फ चिकित्सा क्षेत्र में क्रांति लेकर आई, बल्कि मलेरिया के खिलाफ वैश्विक लड़ाई की नींव भी बनी।

हैदराबाद (भारत) में कार्यरत रहते हुए, रोनाल्ड रॉस ने मच्छरों पर शोध करते हुए देखा कि वे कैसे मलेरिया परजीवियों (Plasmodium) को एक इंसान से दूसरे में पहुंचाते हैं। उनकी यह खोज उस दौर के लिए चौंकाने वाली थी, क्योंकि तब मलेरिया को “गंदी हवा” (mal aria) से जोड़कर देखा जाता था।

रॉस की इस उपलब्धि ने मलेरिया के नियंत्रण में रोकथाम आधारित दृष्टिकोण को जन्म दिया। मच्छरदानी, सफाई अभियान, कीटनाशक और जन-जागरूकता जैसे उपायों की शुरुआत इसी वैज्ञानिक सिद्धांत पर हुई। उन्हें इस शोध के लिए 1902 में नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया, और 20 अगस्त को ‘वर्ल्ड मलेरिया डे’ के रूप में भी याद किया जाता है (कुछ देशों में रॉस डे के रूप में भी मनाया जाता है)।

आज, जब मलेरिया अब भी विश्व के कई हिस्सों में जानलेवा बना हुआ है, रोनाल्ड रॉस की यह खोज हमें यह याद दिलाती है कि वैज्ञानिक जिज्ञासा और अथक प्रयासों से मानवता को घातक बीमारियों से बचाया जा सकता है।

, , , , , , , 

satyajeet yadav

Related post