जबलपुर खितौला बैंक डकैती: बैंक की लापरवाही से खुला दरवाजा, पुलिस की पकड़ से बाहर डकैत,15 करोड़ के सोना–नगदी की लूट, 12 दिन बाद भी आधी सफलता, आधी नाकामी

 जबलपुर खितौला बैंक डकैती: बैंक की लापरवाही से खुला दरवाजा, पुलिस की पकड़ से बाहर डकैत,15 करोड़ के सोना–नगदी की लूट, 12 दिन बाद भी आधी सफलता, आधी नाकामी
SET News:

जबलपुर। खितौला थाना क्षेत्र में 11 अगस्त को हुई 15 करोड़ रुपये मूल्य की डकैती ने बैंक प्रबंधन की सुरक्षा व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। आज जब हर बैंक अपनी शाखाओं को हाइटेक सुरक्षा से लैस करने का दावा करता है, वहीं खितौला शाखा में न तो सुरक्षा गार्ड तैनात था और न ही अलार्म या आधुनिक मॉनिटरिंग सिस्टम। करोड़ों रुपये का सोना–नकदी बिना सुरक्षा खुले निमंत्रण की तरह रखी थी। विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि समय रहते सुरक्षा पर ध्यान दिया गया होता तो इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम देना संभव ही नहीं था।

चार आरोपी गिरफ्तार, रकम भी बरामद-
पुलिस ने अब तक की कार्रवाई में चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और उनसे लूट का कुछ हिस्सा बरामद भी किया गया है। यह जांच की महत्वपूर्ण उपलब्धि है। लेकिन सबसे बड़ी चुनौती अब भी बाकी है डकैती का मास्टरमाइंड और बाकी फरार आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।

नाम–पते उजागर पर गिरफ्तारी अधर में-
पुलिस ने आरोपियों के नाम-पते तक जुटा लिए हैं और उनकी पहचान भी हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार कई टीमें राजस्थान, झारखंड और बिहार तक दबिश देकर लौट चुकी हैं, लेकिन न तो मास्टरमाइंड मिला और न ही लूट का बड़ा हिस्सा बरामद हुआ। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तारी की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और जल्द ही फरार आरोपी शिकंजे में होंगे।

खानाबदोश गिरोह, जांच में बड़ी बाधा-
पुलिस सूत्रों के मुताबिक डकैत दशकों से खानाबदोश की तरह जीवन जी रहे हैं। वे किसी एक जगह महीनों से ज्यादा टिकते नहीं। यही वजह है कि जहां पुलिस पहुंचती है, वहां सिर्फ इतना ही पता चलता है कि आरोपी पहले यहां रह चुके थे। कई बार स्थानीय स्तर पर पुलिस को अपेक्षित सहयोग भी नहीं मिला। इस कारण पूरी पहचान होने के बावजूद मास्टरमाइंड अब तक गिरफ्त से बाहर है।

सोना गलने और विदेश भेजने की आशंका-
सबसे गंभीर चिंता यह है कि बदमाश सोने को गलाकर बाजार में उतार सकते हैं या नेपाल के रास्ते दुबई तक खपा सकते हैं। जांच एजेंसियों का मानना है कि समय बीतने के साथ बरामदगी की संभावना घटती जा रही है। ऐसे में यदि मास्टरमाइंड गिरफ्तार भी हो जाए, तो भी करोड़ों का खजाना वापस मिलना बेहद मुश्किल होगा।

jabalpur reporter

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