जबलपुर में डीआईजी अतुल सिंह ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय का किया वार्षिक निरीक्षण

जबलपुर। पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शनिवार को अनुशासन, पारदर्शिता और कार्यकुशलता की बड़ी परीक्षा हुई। मौका था डीआईजी जबलपुर रेंज अतुल सिंह के वार्षिक निरीक्षण का। डीआईजी सिंह ने पूरे कार्यालय की कार्यप्रणाली का बारीकी से अवलोकन किया। निरीक्षण के दौरान उनके साथ पुलिस कप्तान सम्पत उपाध्याय स्वयं मौजूद रहे।
गार्ड ऑफ ऑनर के बाद हर शाखा पहुंचे-
कार्यालय पहुंचते ही डीआईजी सिंह को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। तत्पश्चात उन्होंने शाखाओं का दौरा शुरू किया। स्टेनो शाखा, ओएम शाखा, पेंशन शाखा, स्थापना शाखा, एस.आर.सी शाखा, वेतन शाखा, भवन शाखा, शिकायत शाखा, सोशल मीडिया सेल और अपराध थाना तक किसी भी विभाग को नजरअंदाज नहीं किया गया। हर टेबल, हर फाइल और हर रजिस्टर की पड़ताल हुई।
वन-टू-वन सवाल, पलटाई फाइलें-
निरीक्षण के दौरान डीआईजी ने शाखाओं की साफ-सफाई और रिकॉर्ड रखने के तौर-तरीकों को संतोषजनक पाया। कई शाखाओं की फाइलों और दस्तावेज़ों का परीक्षण करने के बाद उन्होंने कप्तान उपाध्याय की मौजूदगी में संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों से सीधे संवाद किया। कर्मचारियों से कार्यशैली, चुनौतियों और लंबित मामलों पर सवाल-जवाब किए और तुरंत समाधान की अपेक्षा जताई।
लंबित मामलों और शिकायतों पर दी हिदायत-
डीआईजी सिंह ने स्पष्ट निर्देश दिए कि पुलिस कार्यालय सिर्फ कागजों पर नहीं, बल्कि जनता के विश्वास पर खरा उतरने का केंद्र है। शिकायत शाखा और सोशल मीडिया सेल को उन्होंने आम नागरिकों से आने वाली शिकायतों पर तत्परता और पारदर्शिता बरतने की हिदायत दी। वहीं पेंशन और वेतन शाखा में लंबित मामलों को प्राथमिकता से निपटाने पर जोर दिया।
अनुशासन और ईमानदारी ही बड़ी पहचान-
निरीक्षण के अंत में डीआईजी ने साफ कहा कि अनुशासन और ईमानदारी ही पुलिस की सबसे बड़ी पहचान है। उन्होंने चेतावनी दी कि लापरवाही या ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। निरीक्षण ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय के कर्मचारियों को यह एहसास करा दिया कि वरिष्ठ अधिकारियों की निगाह हर गतिविधि पर है और अब कामकाज में लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी।
यह रहे उपस्थित-
निरीक्षण के दौरान एएसपी ग्रामीण सूर्यकांत शर्मा, एएसपी यातायात अंजना तिवारी, डीएसपी मुख्यालय बीएस गोठरिया, डीएसपी ग्रामीण आकांक्षा उपाध्याय, रक्षित निरीक्षक जय प्रकाश आर्य और कार्यालय का समस्त अनुसचिवीय बल मौजूद रहा।