पहले नाम और अब छात्र आंदोलन को लेकर सुर्खियों में आए पटना वाले खान सर, उनके बारे में जानें

बिहार पुलिस ने पटना में यूट्यूबर खान सर और अन्य के खिलाफ रेलवे भर्ती परीक्षा के परिणाम पर हिंसक विरोध के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की। प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग क्लास करने वाले खान सर पर सोमवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया है।पटना में सोमवार और मंगलवार को हिरासत में लिए गए आंदोलनकारी छात्रों के बयान के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने कथित तौर पर कहा कि वे एक वीडियो के बाद हिंसा में शामिल होने के लिए प्रेरित थे, जिसमें खान सर ने कथित तौर पर आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा रद्द नहीं होने पर छात्रों को सड़कों पर आंदोलन करने के लिए उकसाया था। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।
क्या कहते हैं खान सर?
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्राथमिकी दर्ज होने से पहले खान सर ने कहा कि अगर हिंसा में उनकी भूमिका है तो उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने हिंसा के लिए रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि उन्होंने इंटरमीडिएट और स्नातक छात्रों को समान परिणाम दिए। उन्होंने कहा कि इससे स्नातक छात्रों को ही फायदा हुआ है। उन्होंने हिंसक मोड़ लेने वाले विरोध प्रदर्शनों के लिए आरआरबी को जिम्मेदार ठहराया।
कौन हैं पटना वाले खान सर?
पटना वाले खान सर का वीडियो खूब वायरल होता है। वह यू-ट्यूब की दुनिया के चर्चित शख्सियतों में से एक हैं। वह खान जीएस रिसर्च सेंटर नाम से एक यूट्यूब चैनल चलाते हैं। यहां उनके करीब 1.45 करोड़ फॉलोवर्स हैं। करेंट अफेयर्स और जीएस को देसी अंदाज में समझाने में उन्हें महारत हासिल है। यूट्यूब पर उनके वीडियो के व्यूज करोड़ों में हैं।
खान सर असली नाम क्या है?
खान सर ने कभी अपना असली नाम नहीं बताया। इससे पहले कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर दावा किया था कि उनका नाम अमित सिंह है। हालांकि, कुछ ने यह भी दावा किया कि उनका नाम फैसल खान था और वे उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का रहने वाले हैं। जब खान सर से नाम स्पष्ट करने के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा कि जिस कोचिंग संस्थान में वह पढ़ा रहे थे, उसने उन्हें अपना असली नाम प्रकट नहीं करने या अपना व्यक्तिगत नंबर साझा नहीं करने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि कुछ छात्र उन्हें खान सर कहकर संबोधित करने लगे। जब समय आएगा, तो हर कोई मेरा असली नाम जान जाएगा।
राजनीतिक समर्थन
जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव खान सर के समर्थन में आए और कहा कि छात्रों और शिक्षकों का उत्पीड़न बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा, “आरआरबी-एनटीपीसी आंदोलन मामले में शिक्षकों पर मुकदमा करना दुर्भाग्यपूर्ण है।” उन्होंने कहा, ”सरकार ने छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया, इसलिए छात्र अब सड़कों पर उतर आए हैं। अगर आपने अपनी जिम्मेदारी पूरी की होती तो यह स्थिति नहीं आती। इसलिए मैं कह रहा हूं- शिक्षकों और छात्रों का उत्पीड़न बंद करो। अगर गिरफ्तार करना चाहते हो तो पहले मुझे गिरफ्तार करो।”
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी खान सर का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, ‘संविधान के तहत किसी को भी हिंसा और तोड़फोड़ का अधिकार नहीं है। समय आ गया है कि सरकार रोजगार की बात करे नहीं तो स्थिति इससे भी बदतर हो सकती है। खान सर सहित शिक्षकों के खिलाफ मामले, विरोध में हिंसा को और भड़का सकते हैं।’
उनके खिलाफ हिंसा भड़काने के आरोप लगाए जाने के बाद खान सर ने कथित तौर पर एक वीडियो जारी किया जिसमें उन्होंने छात्रों से अपने आंदोलन को शांतिपूर्ण रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर वे हिंसा में बदल गए तो कोई उनका समर्थन नहीं करेगा।