UP सरकार की ओर से वाराणसी कोर्ट में अर्जी दाखिल, कहा- वजूखाना सील होने से नमाजियों को हो रही दिक्कत

 UP सरकार की ओर से वाराणसी कोर्ट में अर्जी दाखिल, कहा- वजूखाना सील होने से नमाजियों को हो रही दिक्कत
SET News:

वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में UP सरकार की ओर से वाराणसी कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। DGC सिविल महेंद्र प्रसाद पांडेय ने सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है। उन्होंने तीन बिंदुओं पर मांग की है कि वजूखाना बंद होने के बाद नमाजियों की समस्या का ध्यान रखा जाए। या फिर कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर उनकी रिपोर्ट के आधार पर निर्देश-आदेश जारी करें।

ज्ञानवापी मस्जिद स्थित जिस 3 फीट गहरे मानव निर्मित तालाब को सीज किया गया है, उसके चारों तरफ पाइप लाइन और नल हैं। उस नल का उपयोग नमाजी वजू के लिए करते हैं। तालाब परिसर सील होने के कारण नमाजियों के वजू के लिए बाहर व्यवस्था की जाए।

सील परिसर में कुछ शौचालय हैं, उनका उपयोग नमाजी करते हैं। उनकी कोई अन्य एंट्री नहीं है। इसकी व्यवस्था की जाए।

सील किए गए तालाब में कुछ मछलियां भी हैं। परिसर के सील होने की दशा में मछलियां भी बंद-सी हो गई हैं और उनके जीवन को खतरा हो सकता है। उन मछलियों को भी कहीं और छोड़ा जाए।

    • तीनों एडवोकेट कमिश्नर अदालत पहुंच गए हैं। थोड़ी देर बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि सर्वे की रिपोर्ट सौंपी जाएगी या और वक्त मांगा जाएगा।
    • ज्ञानवापी की तर्ज पर मथुरा में भी शाही ईदगाह के सर्च और सील कराने के लिए याचिका सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में दाखिल की है।

    सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई आज
    ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सर्वे के खिलाफ मसाजिद कमेटी ने याचिका दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट में आज 1 बजे इस पर सुनवाई होगी। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ इस मामले को देखेगी।

    बता दें कि 13 मई को सुप्रीम कोर्ट में सीनियर एडवोकेट फुजैल अहमदी ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण को तुरंत रोकने की याचिका दाखिल की। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पहले इससे जुड़ी फाइलें देखी जाएंगी। इसके बाद कुछ फैसला लेंगे।

    आज कोर्ट में पेशी, सर्वे रिपोर्ट तैयार न होने से कमिश्नर मांग सकते हैं और वक्त
    ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट आज सिविल जज सीनियर डिवीजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में पेश नहीं हो सकेगी। अभी तक रिपोर्ट तैयार नहीं हो सकी है। कमीशन की कार्रवाई के लिए अदालत की ओर से नियुक्त असिस्टेंट एडवोकेट कमिश्नर अजय सिंह ने कहा कि आज सर्वे रिपोर्ट जमा करने का आदेश कोर्ट ने दिया था, लेकिन अभी रिपोर्ट नहीं तैयार हो सकी है।

    कोर्ट में एप्लिकेशन देकर दूसरे दिन की तारीख देने का अनुरोध करेंगे। सर्वे के दौरान सैकड़ों फोटो और कई घंटे के वीडियो हैं। उन्हें देख-समझ कर रिपोर्ट को तैयार करने में समय लगेगा।

    हिंदू सेना भी सुप्रीम कोर्ट पहुंची
    ज्ञानवापी में सर्वे मामले में अब हिंदू सेना भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। हिंदू सेना ने अर्जी दाखिल करते हुए ज्ञानवापी मामले में मसाजिद कमेटी की याचिका को जुर्माने के साथ खारिज करने और मामले में पक्षकार बनाए जाने की मांग की है। हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में ये अर्जी 16 मई को दाखिल की है। उन्होंने कहा है कि हमें भारत के संविधान के अनुच्छेद-25 के तहत पूजा करने का पूरा अधिकार है। इसलिए हमें अदालत की सहायता करने की अनुमति दी जाए। मसाजिद कमेटी की याचिका अनुकरणीय लागत के साथ खारिज किए जाने योग्य है।

    शिवलिंग मिलने का किया गया दावा

    ज्ञानवापी परिसर के सर्वे की शुरुआत 14 मई को हुई थी। सर्वे के आखिरी दिन हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया था। हिंदू पक्ष के दावे पर अदालत के आदेश से उस जगह को सील कर दिया गया है। वहीं, मुस्लिम पक्ष ने हिंदू पक्ष के दावे का खंडन करते हुए उसे फव्वारा बताया है। साथ ही, यह भी कहा है कि वह जिला अदालत के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे।

  1. सर्वे का दूसरा दिन : 15 मई

    परिसर के 30% हिस्से का और सर्वे हुआ। इस दिन भी 4 घंटे सर्वे हुआ था। ज्ञानवापी परिसर के ऊपरी बने हुए कमरों, गुंबद, छत और दीवारों की वीडियोग्राफी कराई गई थी। इसके अलावा, दरवाजों की नक्काशी की भी हाई लैंस वाले कैमरे से पिक्चर ली गई थी।

    सर्वे का पहला दिन : 14 मई

    सर्वे के पहले दिन यानी 14 मई को ज्ञानवापी परिसर के 50% हिस्से की वीडियोग्राफी हुई। उस दिन 4 घंटे के सर्वे के दौरान 4 तहखानों को खोला गया था। तहखानों की साफ-सफाई कराई। इसके बाद टीम ने उसकी वीडियोग्राफी करवाई। दीवारों की नक्काशी चेक की। 

  2. 2021 में 5 महिलाओं ने दाखिल की याचिका

    दिल्ली की रहने वाली राखी सिंह और बनारस की रहने वाली लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक की ओर ने वाराणसी की सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में 18 अगस्त 2021 में एक याचिका दाखिल की। इसमें कहा गया कि ज्ञानवापी परिसर में हिंदू देवी-देवताओं का स्थान है। ऐसे में ज्ञानवापी परिसर में मां शृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की अनुमति दी जाए। इसके साथ ही परिसर स्थित अन्य देवी-देवताओं की सुरक्षा के लिए सर्वे कराकर स्थिति स्पष्ट करने की बात भी याचिका में कही गई।

    मां शृंगार गौरी का मंदिर ज्ञानवापी के पिछले हिस्से में है। 1992 से पहले यहां नियमित दर्शन-पूजन होता था। बाद में सुरक्षा व अन्य कारणों के बंद होता चला गया। अभी साल में एक दिन चैत्र नवरात्र पर शृंगार गौरी के दर्शन-पूजन की अनुमित होती है। मुस्लिम पक्ष को शृंगार गौरी के दर्शन-पूजन में आपत्ति नहीं है। उनका विरोध पूरे परिसर का सर्वे और वीडियोग्राफी कराए जाने पर है। इसी बात का विरोध वाराणसी कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक कर रहे हैं।

Related post