जबलपुर: सड़क बने निर्माण बिना राशि भुगतान पर हाईकोर्ट ने किया जवाब तलब

जनहित याचिका पर कलेक्टर कटनी, सीईओ व पंचायत सचिव को नोटिस
जबलपुर, डेस्क। मप्र उच्च न्यायालय ने सड़क निर्माण बिना राशि भुगतान के रवैये को चुनौती संबंधी जनहित याचिका पर जवाब-तलब कर लिया है। इस सिलसिले में कलेक्टर कटनी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत कटनी व जनपद पंचायत बहोरीबंद और ग्राम पंचायत डिहुंटा के सचिव को नोटिस जारी किए गए हैं। इन सभी को चार सप्ताह के भीतर जवाब पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विकास मिश्रा की युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। जनहित याचिकाकर्ता ग्राम डिहुंटा, तहसील बहोरीबंद, जिला कटनी निवासी श्रमिक तीरथ सिंह लोधी की ओर से अधिवक्ता मनोज चतुर्वेदी और विजय राघव सिंह ने दलील दी कि गांव में सड़क निर्माण प्रस्तावित था। लेकिन हकीकत की जमीन पर कोई सड़क बने बिना ही कागजी कार्रवाई करते हुए सड़क निर्माण का भुगतान ठेकेदार को कर दिया गया। इसकी शिकायत होने पर दोषियों के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किए जाने की अनुशंसा हुई। इसके बावजूद आपराधिक प्रकरण कायम नहीं कराया गया। इसीलिए व्यापक जनहित में उच्च न्यायालय की शरण ली गई है।
बहस के दौरान दलील दी गई कि प्रस्ताव के अनुसार सड़क का निर्माण बीच नहर पुलिया से मुख्य नहर तक होना था, लेकिन सड़क बनी ही नहीं। इससे गांव का विकास अवरुद्ध है। वहीं दूसरी तरफ सड़क निर्माण बिना शासकीय धन की होली खेलने वाले एक-दूसरे का बचाव करने में जुटे हैं। इसीलिए सूचना के अधिकार के अंतर्गत दस्तावेज एकत्र कर जनहित याचिका दायर की गई है। सड़क का अधिकार ग्रामीण जनों का संवैधानिक अधिकार है, जिससे उन्हें वंचित नहीं किया जा सकता। इस तरह के खुलेआम भ्रष्टाचार पर अंकुश अनिवार्य है। उच्च न्यायालय ने सभी तर्क सुनने के बाद नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया।