डिंडौरी # छोटे से गाँव ढोंढ़ा का प्रगतिशील किसान बिहारी लाल साहू जैविक खेती में चमकता सितारा

डिंडौरी, गणेश मरावी। बिहारीलाल साहू एक तरफ क्षेत्र के किसानों के प्रेरणास्रोत है,जिन्हें जैविक कृषि को लेकर प्रदेश स्तर,कृषि विश्वविद्यालय स्तर सहित अनेक पुरुस्कार मिल चुके है वहीं दूसरी तरफ किसानों के राष्ट्रीय संगठन भारतीय किसान संघ ने जिलाध्यक्ष डिंडोरी का दायित्व दिया है।
जीवन को स्वस्थ और खुशहाल रखने के लिए जरूरी है जैविक उत्पाद। वर्तमान के भागदौड़ भरी जिंदगी में अधिकतर लोग अनेक प्रकार के गंभीर बीमारियों से ग्रसित है जिसका मुख्य कारण रासायनिक उत्पाद का लगातार सेवन करना।वर्तमान समय में हम सब्जी, फल, अनाज के सहित अनेक खाद्य पदार्थ के माध्यम से शुक्ष्म रासायनिक तत्व का सेवन कर रहे है ।
अनमोल जीवन और जीवनदायनी मिट्टी की सुरक्षा और रासायनिक खाद से मुक्ति पाना है तो जैविक खेती को अपनाना होगा। इस दिशा में केन्द्र सरकार व राज्य सरकार कई योजना संचालित कर किसानों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है किंतु धारातल में योजनाओ का लाभ किसान नही ले पा रहे है और जैविक खेती न के बारबर कर रहे है इन सबको देखते हुए जिला डिण्डोरी के प्रगतिशील किसान बिहारीलाल साहू स्वंय के कौशल से जैविक खेती कर रहे है और किसानों को जैविक खेती का प्रशिक्षण भी दे रहे है ।
वर्तमान समय को जैविक खेती की जरूरत है जिससे मिट्टी जहर मुक्त हो सके तथा मानव जीवन स्वास्थ्य हो सके इन जरूरत और संभावना को देखते हुए जैविक कृषि विशेषज्ञ बिहारी लाल साहू 2016 से गौ आधारित जैविक खेती की शुरुआत किया था,शुरुआत में इन्होंने जनजाति कल्याण केन्द्र महाकौशल बरगांव व अनेक संस्थानों में जाकर जैविक खेती का प्रशिक्षण प्राप्त किया और स्वंय जैविक खेती करने लगे।
आज श्री बिहारी का ग्राम ढोंढ़ा और करौंदी में कई एकड़ में फैला गौ आधारित नर्मदांचल जैविक कृषि फार्म है जिनमें अनेक प्रकार के जैविक फसल उगाए जा रहे है।
गौ आधारित कृषि को प्रोत्साहन देने के लिए क्षेत्र में नर्मदांचल जैविक कृषि फार्म के नाम से दो जैविक कृषि फार्म ग्राम ढोंढ़ा और करौंदी में संचालित है जिसमें अनेक संस्थान,कॉलेज,संगठन से जुड़े किसान आकर प्रशिक्षण ले रहे है वहीं अनेक संस्थान द्वारा श्री बिहारी जी को जैविक खेती में प्रशिक्षण देने के लिए आमंत्रित किया जाता है। आज तक लगभग 16 हजार से अधिक किसानों को जैविक कृषि पर प्रशिक्षण दिया जा चुका है और क्षेत्र के लगभग 2300 से अधिक किसान जैविक खेती करने लगे हैं। डिण्डौरी जिले के अलावा अन्य जिला कटनी, जबलपुर,अनुपपुर,मण्डला,उमरिया शहडोल आदि जिलों पर भी प्रशिक्षण दे चुके है ।
विभिन्न संस्थाओं के साथ मिलकर भी जैविक कृषि पर प्रशिक्षण देने का कार्य किया कर रहे है कार्य निरंतर जारी है। श्री बिहारी का कहना है की समाज के लोंगो के हित का कार्य ही हमारा लक्ष्य है। बिहारी अनेक संगठन जैसे की नेहरू युवा केंद्र,जन शिक्षण संस्थान,तेजस्वनी महिला समूह,कार्ड संस्था,धारा सरस्वती शैक्षणिक एवं समाज उत्थान समिति,जनजाति कल्याण केन्द्र बरगांव,म.प्र. जन अभियान परिषद शहपुरा,मेंहदवानी,आदि के साथ मिलकर जनसेवा का कार्य करते है ।जिस भूमि पर कभी घास नहीं होता था उस भूमि में जैविक प्रक्रिया अपनाकर 300 पौधे लगाकर तैयार किए है और खेती भी होता है जो जनजाति कल्याण केंद्र महाकौशल बरगांव में एक बहुत ही सुंदर उद्यान बन चुका है।
नर्मदा समग्र अभियान के तहत भोपाल में प्रशिक्षण प्राप्त करके “खेती किसानी,नदी की जुवानी” कार्यक्रम विज्ञान भवन भोपाल में प्रशिक्षण प्राप्त कर लगातर 63 वां रविवार 1 वर्ष 3 माह से लगातार प्रत्येक रविवार वृक्षारोपण कर रहे है।आज तक लगभग 710 पौधे लगा चुके हैं। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी लगातार पौधारोपण और जनजागृति लाने का कार्य श्री बिहारी कर रहे है।
किसानों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए 2020 में विगत 10 माह तक लगातार धारा सरस्वती शैक्षणिक एवं समाज उत्थान समिति के साथ मिलकर मिलकर स्वास्थ्य केम्प में सहभागी रहे।
बहुमुखी प्रतिभा के धनी बिहारी को अनेक राज्य स्तरीय पुरुस्कार मिल चुके है जिनमें से जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के कुलपति श्रीमान प्रदीप विशेन द्वारा कृषक वैज्ञानिक परिसंवाद में जैविक खेती पर उत्कृष्ट कार्य करने पर शील्ड और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।
जैविक कृषि पर विशिष्ट कार्य करने पर हम फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमान अधिवक्ता निशिकांत चौधरी द्वारा सम्मानित किया गया।
मध्यप्रदेश राज्य स्तरीय स्वर्गीय श्री प्रभाकर केलकर जैविक कृषि पुरुषकार से सम्मानित किया गया।महामण्डलेश्वर श्री श्री 1008 उत्तम स्वामी जी महाराज,भारतीय किसान संघ के अखिल भारती संगठन मंत्री श्रीमान दिनेश कुलकर्णी म.प्र.सरकार के कृषि मंत्री कमल पटेल जी के द्वारा जैविक खेती को लेकर सम्मानित किया गया।ताराचंद बेलजी द्वारा प्रमाण पत्र से सम्मानित (2020 में) कुलगुड़ी बरेला में सम्मानित किया एवं आर्गेनिक ग्रोवर के प्रशिक्षक के रूप में जन शिक्षण संस्थान द्वारा प्रमाण पत्र से सम्मानित किया।
जनजाति कल्याण केन्द्र महाकौशल बरगांव एवं धारा सरस्वती शैक्षणिक एवं समाज उत्थान समिति द्वारा जैविक कृषि विशेषज्ञ की उपाधी देकर सम्मानित किया गया।
कार्यालय आत्मा परियोजना डिण्डौरी द्वारा 26 जनवरी 2023 को जैविक कृषि में उत्तम कार्य के लिए पुरुषकार एवं प्रमाण पत्र दिया गया।साथ ही भूमि में सुधार, उपज अधिक, और जैविक अनाज की विक्रय घर से ही खरीद लेते है, पहले ही बुक कर लेते हैं ,जैसे गेहूं का मूल्य 30 रु.प्रतिकिलो से ऊपर विक्रय होता है। भविष्य में ये सभी का गौ आधारित नर्मदांचल जैविक फार्म हाउस में प्रदर्शनी लगा रहेगा।
नर्मदांचल जैविक कृषि फार्म में गौ आधारित जैविक खेती के तहत अनेक कार्य फसल और जैविक उत्पाद बनाये जा रहे है जिनमें से प्रमुख है, सब्जी, गोभी, लोकी, भिंडी, बेगन, वरबटी, टमाटर, आलू, ककड़ी, मिर्च, सेमी, मुनगा, भाजी आदि। फसल-धान, मक्का, अरहर, कोदो, कुटकी, रागी, ज्वार, राम, तिल, सरसों, राई, तिली (तिल), गेंहू, चना, मसूर, अलसी आदि, फल-पपीता, अमरूद, केला, आम ।
जैविक खाद का प्रकार – केचुआ खाद, जीवामृत, घन जीवामृत, अमृत पानी, फसल अमृत, अग्नीअस्त्र, ब्रम्हास्त्र, नीमास्त्र (नीमचटनी), वर्मीवाश, पंचगव्य, नील हरित शैवाल, जैव संजीवक, बायोगैस, स्लरी, सींग खाद, एजोला, बीजामृत, गौमूत्र, बीजामृत आदि। इस प्रकार बिहारीलाल बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति है ।