डिंडौरी # राजूषा स्कूल में धूमधाम से मनाया गया विश्व आदिवासी दिवस, शिक्षा ग्रहण कर उच्च पदों पर दे रहे है सेवाएँ

 डिंडौरी # राजूषा स्कूल में धूमधाम से मनाया गया विश्व आदिवासी दिवस, शिक्षा ग्रहण कर उच्च पदों पर दे रहे है सेवाएँ
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डिंडौरी, गणेश मरावी। जिला मुख्यालय अंतर्गत संचालित राजूषा हायर सेकेंडरी इंग्लिश मीडियम स्कूल डिण्डोरी में विश्व आदिवासी दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया है। सर्वप्रथम मां सरस्वती एवं बिरसा मुंडा भगवान के चित्र के समक्ष  पूजन अर्चन प्राचार्य एवं स्टॉफ के द्वारा किया गया। तत्पश्चात विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी, जिसमें सूजल परते एवं अंश यादव ने अपने भाषण के माध्यम से, वाणी ठाकुर व अनवी नामदेव, पूर्वी एवं ग्रुप के आदिवासी डांस ने सभी का मन मोह लिया, कक्षा 4 के छात्र बृजेश कुमार मरावी ने हल के साथ आदिवासी वेशभूषा पहनकर आदिवासियों के प्रकृति प्रेमी होने का संदेश दिया है।

विद्यालय के प्राचार्य डॉ. राज बहादुर सिंह ने आदिवासी दिवस के महत्व को बताते हुए कहा कि आदिवासी ही सही मायने में मूल निवासी है हम सभी तो बेहतर रोजगार के अवसर के लिए इधर उधर निवासरत हैं आदिवासी समुदाय को जागरूक करने एवं उनके अधिकारों को उन तक सही माध्यम से पहुंचाना के लिए हम आज के दिन ‘आदिवासी दिवस‘ मना रहे हैं इनकी भाषाएं, संस्कृति, त्यौहार, रीति रिवाज और पहनावा सब कुछ हमें कुछ न कुछ सिखाती हैं और भारत की संस्कृति को बचाने का प्रयास कर रही हैं।

यह गर्व की बात है कि इस वर्ष की अंतरराष्ट्रीय मिलेट ब्रांड मिस्टर भी हमारे बीच की आदिवासी महिला को चुना गया है। गर्व का विषय हैं कि वर्तमान समय मे आदिवासी समुदाय के लोग भी अच्छी शिक्षा ग्रहण कर उच्च पदों पर सेवाए दे रहें है। उपप्राचार्य विकास जैन ने भी विश्व आदिवासी दिवस पर प्रकाश डालते हुए छात्रों को अवगत कराया की आदिवासी समुदाय को भारत के संविधान में विशेष दर्जा दिया गया हैं।

आदिवासियों के प्रकृति प्रेम एवं प्रकृति के प्रति संरक्षण के भाव से हमें यह सीखना चाहिए कि पर्यावरण और जंगलों का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण योगदान है। आदिवासियों ने दुनिया को इस धरती पर जीने का सबक सिखाया, प्रकृति के नियमों को समझाया, उनके पास कोई आसमानी किताबें नहीं थी। वह तो प्रकृति से सीख रहा था। उनकी सामाजिक पारम्परिक जीवन संरचना तो प्रकृति से जुड़ी हुई थी। प्रकृति ही उनका गुरु थी। कार्यक्रम में विद्यालय के समस्त स्टाफ, छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका नीतू नामदेव द्वारा किया गया।

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