जबलपुर # जन सेवक मित्र के रूप में सेवा विस्तार के दावे पर करें विचार, हाईकोर्ट से 27 याचिकाकर्ताओं को मिली राहत

 जबलपुर # जन सेवक मित्र के रूप में सेवा विस्तार के दावे पर करें विचार, हाईकोर्ट से 27 याचिकाकर्ताओं को मिली राहत
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जबलपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने अटल बिहारी बाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण मिशन अंतर्गत जन सेवक (प्रशिक्षु) के रूप में सेवा विस्तार के दावे पर विचार करने के निर्देश दिए। यह जिम्मेदारी मिशन के अरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी को सौंपी गई है। उन्हें 15 दिन के भीतर निर्णय लेने कहा गया है। इसी के साथ दमोह निवासी अभिलाषा खरे सहित 27 अन्य की याचिका का पटाक्षेप कर दिया।
याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील दी कि गई कि प्रारंभ में याचिकाकर्ताओं को छह माह की अवधि के लिए नियुक्त किया गया था। उनकी नियुक्ति समय-समय पर आगे बढ़ाई जाती रही। अंतिम सेवा विस्तार अगस्त 2023 में किया गया।
वर्तमान में छह माह की सेवा अवधि समाप्त हो चुकी है। लेकिन नियुक्ति को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। बावजूद इसके कि मिशन फिलहाल जारी है। अन्य समान स्थिति वाले कर्मियों को निरंतर रखा गया है। ऐसे में याचिकाकर्ताओं के साथ भेदभाव का रवैया असंवैधानिक है।
इसके विरुद्ध अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी को अभ्यावेदन दिया गया था, लेकिंन कोई लाभ नहीं हुआ। इसीलिए उच्च न्यायालय आना पड़ा। बहस के दौरान शासकीय अधिवक्ता ने दलील दी कि याचिकाकर्ताओं का सेवा में बने रहने का दावा बेमानी है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनकी नियुक्ति का आदेश विशिष्ट था और सेवा की प्रकृति पूर्णतया अस्थायी है। महज छह माह का विस्तार करने का प्रविधान नियत था। ऐसे में विस्तार निरंतर रखने का हठ अनुचित है।

jabalpur reporter

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