जबलपुर # पीडब्लूडी विभाग में कार्यरत याचिकाकर्ता कर्मियों के मामले नियमितिकरण का दिया जाए लाभ

जबलपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने लोक निर्माण विभाग में कार्यरत याचिकाकर्ता कर्मियों के मामले में कहा कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2006 में दिए उमा देवी के मामले में दिए गए दिशा निर्देशों के आधार पर नियमितिकरण का लाभ दिया जाए।
जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने सरकार के उस आदेश को निरस्त कर दिया जिसमें याचिकाकर्ताओं को सामान्य प्रशासन विभाग के सर्कुलर 7 अक्टूबर 2016 के आधार पर नियमितिकरण का लाभ दिया गया था। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के आधार पर याचिकाकर्ताओं के अभ्यावेदन पर 60 दिन में निर्णय लें।
बालाघाट निवासी कृष्ण कुमार ठकरेले व अन्य की ओर से अधिवक्ता मोहनलाल शर्मा और शिवम शर्मा ने बताया कि याचिकाकर्ता वर्ष 1990 से नौकरी कर रहे हैं। उन्हें सेवा से बर्खास्त करने पर लेबर कोर्ट में मामला लगाया। लेबर कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को स्थायी वर्गीकृत कर्मचारी माना और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार नियमितिकरण का लाभ देने कहा। इस बीच राज्य शासन ने जीएडी के सर्कुलर के आधार पर याचिकाकर्ताओं को नियमित कर दिया। इससे उनकी वरिष्ठता प्रभावित हो रही है।