मध्य प्रदेश जबलपुर में पुलिस आरक्षक की मानवता, छोटे-छोटे बच्चों को रोते देख पुलिस का आरक्षक बना सहारा,

 मध्य प्रदेश जबलपुर में पुलिस आरक्षक की मानवता, छोटे-छोटे बच्चों को रोते देख पुलिस का आरक्षक बना सहारा,
SET News:

मध्य प्रदेश जबलपुर जिले के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल अस्पताल में एक्सीडेंट में घायल महिला को पुलिस ने न केवल सहारा दिया, बल्कि उसे मुफ्त में मेडिकल से एंबुलेंस में घर पहुंचाया। यह घटना जबलपुर पुलिस की संवेदनशीलता और मानवता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

हाल ही में, पन्ना जिले के रहने वाली बृजेश चौधरी की पत्नी सावित्रीबाई चौधरी एक सड़क दुर्घटना मैं घायल हुई थी, जहा घायल महिला को इलाज के लिए पन्ना जिले के शासकीय अस्पताल से 108 की मदद से जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल अस्पताल में रेफर किया गया था जहां महिला का इलाज मेडिकल अस्पताल में 4 से 5 दिन किया गया, इलाज के बाद मेडिकल अस्पताल से डॉक्टर के द्वारा महिला को डिस्चार्ज कर दिया गया था लेकिन उसे गरीब परिवार के पास इतना पैसा नहीं था कि घायल महिला को अपने घर तक ले जा सके, जहां महिला की दो मासूम बच्चे अपनी मां के लिए रोते नजर आ रहे थे,

जब इस बात की जानकारी मेडिकल अस्पताल में बनी प्रीपेड एंबुलेंस सेवा पुलिस चौकी में पदस्थ आरक्षक संजय सनोडिया को मिली, तो उन्होंने तुरंत मौके पर पहुंचकर रोते हुए उन बच्चों के साथ महिला को संभाला। पुलिस आरक्षक संजय ने न महिला के पूरे परिवार को खाना खिलाया,और उसे मेडिकल अस्पताल से वापस घर तक एंबुलेंस में सुरक्षित पहुंचाया। इस पूरी प्रक्रिया में पुलिस के आरक्षक संजय ने किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिया, और महिला को पूरी तरह से मुफ्त सेवा प्रदान की।

यह घटना बताती है कि पुलिस सिर्फ कानून व्यवस्था बनाए रखने का ही काम नहीं करती, बल्कि मानवीय संवेदनाओं के साथ भी लोगों की मदद करती है। इस घटना से जबलपुर पुलिस की छवि और मजबूत हुई है, और लोगों में उनके प्रति विश्वास और सम्मान और भी बढ़ा है।

यह घटना एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे पुलिस और आम नागरिक मिलकर एक-दूसरे की मदद कर सकते हैं और एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकते हैं।

jabalpur reporter

Related post