जबलपुर: नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल अस्पताल बना दलालों का अड्डा, एंबुलेंस चालक और मालिक मरीजों को पहुंचा रहे हैं प्राइवेट अस्पताल, आंखों में पट्टी बांधे बैठे नजर आ रहे हैं अस्पताल के जिम्मेदार

 जबलपुर: नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल अस्पताल बना दलालों का अड्डा, एंबुलेंस चालक और मालिक मरीजों को पहुंचा रहे हैं प्राइवेट अस्पताल, आंखों में पट्टी बांधे बैठे नजर आ रहे हैं अस्पताल के जिम्मेदार
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मध्य प्रदेश की जबलपुर जिले के सबसे बड़े नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल अस्पताल मरीज के इलाज के लिए दलाली का अड्डा बन गया है नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल अस्पताल में एंबुलेंस चालकों के साथ ही UDS प्राइवेट कंपनी की कर्मचारी दलाल बने हुए हैं जिले भर से मरीजों को जबलपुर के मेडिकल अस्पताल में इलाज के लिए रिफर किया जाता है लेकिन उन मरीजों को मेडिकल अस्पताल का इलाज की जगह उनको प्राइवेट अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है

सड़क दुर्घटना में घायल मरीज को मेडिकल अस्पताल से पहुंचाने का काम प्राइवेट अस्पताल,
सड़क दुर्घटना में घायलों को जबलपुर के मेडिकल अस्पताल में रेफर किया जाता है लेकिन चंद पैसों के लिए एंबुलेंस मालिक और चालक के मिली भगत से उन्हें प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया जाता है जहां उन्हें भारती करने के लिए 10 से 15 हजार रुपए दिए जाते हैं यह पूरा खेल नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल अस्पताल से किया जाता है जहां दूर-दूर के जिले के शासकीय अस्पताल से मरीजों को मेडिकल अस्पताल रेफर किया जाता है लेकिन मेडिकल अस्पताल में प्राइवेट एंबुलेंस मालिक और चालक अपनी होशियारी से उन्हें प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती करने का प्रयास करते हैं जहां मरीजों के परिजनों को अपनी बातों में लगाकर उन्हें प्राइवेट अस्पताल मेडिकल अस्पताल से ले जाकर भर्ती करने का काम करते हैं

गढ़ा क्षेत्र में हुआ सड़क हादसा, घायल को मेडिकल की जगह पहुंचा प्राइवेट अस्पताल,
जबलपुर की गढ़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत एक तेज रफ्तार कर कैंसर विभाग के पास सड़क हादसे का शिकार हो गई जिसमें कर चालक को गंभीर चोटे आई थी थी जहां कार चालक को इलाज के लिए प्राइवेट एंबुलेंस चालक को मेडिकल अस्पताल ले जाने के लिए बोला गया था लेकिन एंबुलेंस चालक और एंबुलेंस संचालक के द्वारा उसे प्राइवेट अस्पताल पहुंचाया गया उसकी हालत नाजुक होने की वजह से परिजन गुस्सा गए और मेडिकल अस्पताल में विवाद करना शुरू कर दिया वहीं परिजनों का आरोप है कि उसे मेडिकल अस्पताल लाने के लिए बोला गया था लेकिन मेडिकल अस्पताल की प्राइवेट एंबुलेंस चालक और मालिकों के द्वारा प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कर दिया गया इसी बात को लेकर मेडिकल अस्पताल में बहुत देर तक विवाद हुआ

मेडिकल अस्पताल के प्राइवेट एंबुलेंस चालक और मालिक बने दलाल,
शहर के सबसे बड़े नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मेडिकल अस्पताल में दूर दूर से आने वाले मरीजों को सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है उसकी वजह मेडिकल अस्पताल में दलालों के चलते मरीज के परिजनों को शिकार बनाया जाता है इतना ही नहीं दलालों ने प्राइवेट अस्पताल से लेकर एमआरआई और सीटी स्कैन भी प्राइवेट कराई जाती है लेकिन मेडिकल के अधिकारी आंखों में पट्टी वांधे बैठे हुए हैं और इन सब मामलों में नजर अंदाज करते हुए नजर आते हैं

jabalpur reporter

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