जबलपुर: खुला छोड़ा टैंक निगल गया दो मासूमों की जिंदगी, मंत्री राकेश सिंह, विधायक डॉ. अभिलाष पांडे समेत कलेक्टर,पुलिस कप्तान मौके पर पहुंचे, सुपरवाइजर निलंबित, मुख्यमंत्री ने घोषित की चार-चार लाख की सहायता
जबलपुर। संस्कारधानी में रविवार शाम लापरवाही ने दो मासूम जिंदगियां छीन लीं। गोहलपुर थाना क्षेत्र के मनमोहन नगर में क्रिकेट खेलते वक्त गेंद ढूंढने गए दो सगे भाई विनायक उर्फ तन्नू (12) और कान्हा (10) खुले सेप्टिक टैंक में गिर गए। झाड़ियों से ढंका टैंक बच्चों को नजर नहीं आया और दोनों उसमें समा गए। हादसे के बाद पूरे इलाके में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है जबकि इलाके में गुस्सा और आक्रोश की लहर है।

गेंद ढूंढते-ढूंढते चली गई जान-
रविवार शाम दोनों बच्चे अपने घर के पास क्रिकेट खेल रहे थे। गेंद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की दीवार के भीतर जा गिरी। गेंद लाने के लिए दोनों दीवार फांदकर अंदर पहुंचे, जहां झाड़ियां फैली थीं। झाड़ियों के नीचे खुला सेप्टिक टैंक था, जिसे बच्चे देख नहीं सके। गेंद खोजते-खोजते दोनों उसमें गिर गए। साथ खेल रहे बच्चों को जब दोनों काफी देर तक नहीं दिखे तो उन्होंने खोजबीन शुरू की। टैंक के पास एक चप्पल मिलने पर संदेह गहराया। तत्काल सूचना पुलिस को दी गई। टीआई रीतेश पांडे और फायर ब्रिगेड टीम मौके पर पहुंची। कठिन रेस्क्यू अभियान के बाद दोनों मासूमों के शव टैंक से बाहर निकाले गए।

खुले टैंक पर उबला जनाक्रोश-
रहवासियों ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में निर्माण कार्य पूरा हुए महीनों बीत चुके हैं, लेकिन टैंक को खुला छोड़ दिया गया था। झाड़ियां उग आने के कारण यह किसी को नजर नहीं आता था। लोगों ने ठेकेदार, नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि यह हादसा प्रशासनिक उपेक्षा का परिणाम है।

कलेक्टर-पुलिस कप्तान समेत प्रशासनिक अमला मौके पर, सुपरवाइजर निलंबित-
घटना की सूचना मिलते ही कलेक्टर राघवेंद्र सिंह, पुलिस कप्तान संपत उपाध्याय और विधायक डॉ. अभिलाष पांडे स्वयं स्थल पर पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। कलेक्टर सिंह ने मौके पर ही जिम्मेदार अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और स्वास्थ्य केंद्र के सुपरवाइजर गौरव पिल्लई को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। कलेक्टर ने नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे सभी खुले निर्माण स्थलों की तुरंत जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
मंत्री राकेश सिंह पहुंचे, सीएम ने की आर्थिक स्वीकृत-
देर रात में लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह भी त्रिमूर्ति नगर पहुँचे और पीड़ित परिवार से मुलाकात की। उन्होंने बच्चों की मृत्यु को हृदय विदारक और स्तब्ध कर देने वाली घटना बताया। श्री सिंह ने कहा कि इस हादसे की जिम्मेदारी तय कर दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की ओर से पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की और बताया कि मुख्यमंत्री ने दोनों मृत बच्चों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की है। मंत्री सिंह ने प्रशासन को बच्चों के पार्थिव शरीर को कुंडम स्थित उनके निवास स्थान तक सुरक्षित पहुंचाने के निर्देश दिए, ताकि परिवार अंतिम संस्कार कर सके।
कांगेस ने की प्रदर्शन की घोषणा-
इस दर्दनाक हादसे के बाद नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष अमरीश मिश्रा और पूर्व पार्षद जितिन राज भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने नगर निगम प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह केवल दुर्घटना नहीं, बल्कि हत्या के समान अपराध है। कांग्रेस ने आज सोमवार को विरोध प्रदर्शन की घोषणा करते हुए दोषियों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज करने की मांग की है।
लापरवाही का खुला नमूना-
यह हादसा केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे नगर निगम प्रशासन के लिए चेतावनी है। शहर में विकास कार्यों के नाम पर अधूरे और असुरक्षित निर्माण आम नागरिकों की जान पर भारी पड़ रहे हैं। मनमोहन नगर की यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि जब जवाबदेही तंत्र सो जाता है, तो उसकी कीमत आम जनता को अपनी जान देकर चुकानी पड़ती है।
