हमले में घिरे यूक्रेन से ग्राउंड रिपोर्ट:सुपरपावर रूस के सामने अकेले पड़े अपने देश को बचाने यूक्रेनियों ने उठाए हथियार, रूसी टैंक मुड़ने को हुए मजबूर

 हमले में घिरे यूक्रेन से ग्राउंड रिपोर्ट:सुपरपावर रूस के सामने अकेले पड़े अपने देश को बचाने यूक्रेनियों ने उठाए हथियार, रूसी टैंक मुड़ने को हुए मजबूर
SET News:

कभी सेकंड वर्ल्ड वॉर में हावी होते जर्मनी के खिलाफ ब्रिटेन के लोगों का हौसला बढ़ाने के लिए विंस्टन चर्चिल ने कहा था, ‘मेरे पास मेहनत, पसीना, आंसू और खून देने के अलावा और कुछ नहीं है। हमारे सामने इस युग का सबसे कठिन काम है। मैं यही कहूंगा कि हम लड़ेंगे – जमीन, हवा और पानी में। जितनी ताकत ईश्वर ने हमें दी है, उतनी ताकत से लड़ेंगे।’ कुछ इसी तर्ज पर यूक्रेन भी चल पड़ा है।

जंग का आज तीसरा दिन है और रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जे से कुछ ही दूर है। ऐसे में अपनी सेना का मनोबल बढ़ाने के लिए वहां के आम लोगों ने भी हथियार उठा लिए हैं। अब ये लड़ाई जोश, जज्बे और हौसले से लड़ी जानी है। गली-गली में रूसी फौजियों को टक्कर देने की तैयारी है। इसकी बानगी भी देखने को मिली, जब एक शख्स रूसी टैंकों के सामने आ खड़ा हुआ। इन टैंकों को रास्ता बदल कर आगे जाना पड़ा।

इस बीच यूक्रेन आर्मी के हाथों मारे गए लगभग तीन हजार रूसी सैनिकों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर सेना लोगों की हिम्मत बढ़ाने की कोशिश कर रही है।

नतालिया गुमेनयुक, यूक्रेन की सीनियर जर्नलिस्ट

मैं राजधानी कीव में हूं और अपने घर से काम कर रही हूं। मैं ये समझने की कोशिश कर रही हूं कि शहर में कहां-कहां जा सकती हूं। आज युद्ध का दूसरा दिन है। रात में यहां हवाई हमले हो रहे हैं। कीव में अधिकतर लोग मेट्रो के बेसमेंट में समय गुजार रहे हैं। कीव की अंडरग्राउंड मेट्रो काफी गहराई में है और सुरक्षित है।

यहां सरकार ने लोगों से अपने घरों में रहने के लिए कहा है। अस्पताल काम कर रहे हैं और यातायात सेवाएं मुफ्त हैं। मैं जोर देकर ये कहना चाहती हूं कि यहां नागरिकों के जीवन को सामान्य रखने की हर संभव कोशिश की जा रही है, लेकिन यहां घटनाक्रम बेहद तेजी से बदल रहा है। कई इलाकों में रूस की सेना से टक्कर ली गई है और उसे रोका गया है।

शुक्रवार को कीव में रूस के हमलों का दूसरा दिन था। कीव में रात में भारी बमबारी हो रही है। कीव एक मेगापोलिस है जहां ऊंची-ऊंची इमारतें हैं। यहां रहने वाले लोग सुरक्षित ठिकानों की तरफ बढ़ रहे हैं।

हमें ये पता चला कि रूस का एक खुफिया दस्ता एक इलाके में घुसने में कामयाब रहा था, लेकिन इसे बाद में मार गिराया गया।

बहुत मुश्किल हालात के बावजूद यूक्रेन की सेना लोगों की रक्षा करने की पुरजोर कोशिश कर रही है। एक बेहद शक्तिशाली सेना यूक्रेन पर आक्रमण कर रही है और इसके 48 घंटे बीत चुके हैं। हर तरफ से यूक्रेन पर हमला हो रहा है। समंदर से मिसाइलें दागी जा रही हैं। हवा से भीषण हमले हो रहे हैं और जमीन पर बर्बाद कर देने वाली लड़ाई चल रही है। अब ये साफ है कि रूस राजधानी कीव पर कब्जा कर लेना चाहता है।

शहर के कई इलाकों से हमें बर्बादी की तस्वीरें मिली हैं, लेकिन लोग रूस की सेना का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं, लेकिन ठीक इसी वक्त कीव पूरी तरह बंद नहीं हुआ है। यहां दुकानें खुली हैं। इंटरनेट चल रहा है।

स्कूल-कॉलेज पूरी तरह बंद हैं। यूक्रेन की सरकार ने लोगों से हथियार उठाने की अपील की है और बहुत से लोग सिविल डिफेंस के लिए जा रहे हैं। यहां लोगों में अपने शहर की रक्षा करने का जोश और जज्बा है।

सेना ने लोगों से भर्ती होने की अपील भी की है और मैं ऐसे बहुत से लोगों को जानती हूं, जो हथियार उठा रहे हैं। फेसबुक और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोग बता रहे हैं कि उन्होंने हथियार उठा लिए हैं या वो सेना में भर्ती हो रहे हैं।

अगर राजधानी कीव के माहौल की बात की जाए तो यहां लोगों में जोश है। लोग सरकार का समर्थन कर रहे हैं और उसके निर्देशों का पालन कर रहे हैं।

लोग फोन करके एक-दूसरे का हालचाल पूछ रहे हैं और एक-दूसरे की हर संभव मदद करने की कोशिश कर रहे हैं।

राजधानी कीव में रेलवे चल रही है और यहां से ट्रेनें दूसरे शहरों की तरफ जा रही हैं। स्टेशनों पर भीड़ लगी है। बहुत से लोग देश के पश्चिमी इलाकों की तरफ जा रहे हैं। पोलैंड के नजदीक के शहरों की तरफ भी लोग जा रहे हैं।

यूक्रेन रूस के मुकाबले एक बहुत छोटा देश है, लेकिन वो आत्मसमर्पण नहीं कर रहा है। अब तक जो हम देख समझ पा रहे हैं उससे लग रहा है कि यहां लोग लड़ने के लिए तैयार हैं।

लोगों को लग रहा है कि ये एक तर्कहीन और आधारहीन युद्ध है, जो यूक्रेन पर थोप दिया गया है। ये यूक्रेन के लोगों के प्रति रूस की नफरत का नतीजा है। ये युद्ध यूक्रेन के लोगों के लिए बहुत दुखद है और बहुत से लोगों को विश्वास नहीं हो पा रहा है कि युद्ध छिड़ गया है।

पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं। वो अपनी जगह हैं। लेकिन यूक्रेन के लोग ये समझ गए हैं कि वो अपने दम पर ही लड़ सकते हैं।

हम पत्रकारों के पास देशभर से जानकारी पहुंच रही है। पुलिस और सेना के माध्यम से भी जानकारियां मिल रही हैं। बहुत से वीडियो और तस्वीरें शेयर की जा रही हैं।

केटरयाना कुलीशेंके, स्थानीय निवासी, डनाइप्रो

मैं मध्य यूक्रेन के शहर डनाइप्रो में हूं। यूक्रेन के बाकी हिस्सों के मुकाबले हम यहां अधिक सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। युद्ध शुरू हो गया है और हमें यकीन नहीं हो रहा है। ये एक तर्कहीन और बर्बाद करने वाला युद्ध है।

बहुत से लोग यूक्रेन छोड़कर बाहर जाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन यहां अधिकतर लोग देश में रहकर किसी भी तरह से देश की सुरक्षा में योगदान देना चाहते हैं। मैं भी उनमें से एक हूं।

मैं यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में अपने दोस्तों के संपर्क में हूं। देश के अधिकतर हिस्सों में लोग बेसमेंट में शरण ले रहे हैं।

हमें जानकारी मिल रही है कि खार्कीव में बड़ा हमला जारी है। यहां रूस की सेना औद्योगिक ठिकानों और फैक्ट्रियों को बर्बाद कर रही है।

चेर्नीहीव भी रूस की सीमा के पास है, रूस की सेना वहां घुसने की कोशिश कर रही है। उसे रोकने के लिए यूक्रेन की सेना ने पुलों को उड़ा दिया है।

जहां मैं हूं, वहां इंटरनेट और बिजली है, लेकिन देश के कई हिस्सों में मोबाइल सेवाएं प्रभावित हैं। हम किसी भी तरह एकजुट रहने की कोशिश कर रहे हैं। एक-दूसरे का हौसला बढ़ा रहे हैं। हमें अपने देश पर गर्व है। हम भारतीयों से दुआ की उम्मीद करते हैं।

अनस, भारतीय छात्र, खार्कीव से

यहां भारी बमबारी हो रही है। हम सभी छात्र बेसमेंट में छुपे हुए हैं। अब डर बहुत ज्यादा बढ़ गया है। बीते चौबीस घंटों में हमले तेज हुए हैं। यहां कई इलाकों में रूस की सेना ने भारी बर्बादी की है। हमें लग रहा है कि हम फंस गए हैं।

यूक्रेन के दूसरे इलाकों से भारतीय छात्र रोमानिया की तरफ गए हैं। लेकिन खार्कीव बिलकुल रूस सीमा के पास है और अभी के हालात में यहां से निकलना मुश्किल है। रह-रह कर धमाकों की आवाजें आ रही हैं।

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