जबलपुर # हर तीन महीने में 25 पुराने प्रकरणों के निराकरण संबंध में हाईकोर्ट ने केवल एक बार समयावधि में बढ़ोत्तरी की दी व्यवस्था

 जबलपुर # हर तीन महीने में 25 पुराने प्रकरणों के निराकरण संबंध में हाईकोर्ट ने केवल एक बार समयावधि में बढ़ोत्तरी की दी व्यवस्था
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जबलपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने हर तीन महीने में 25 पुराने प्रकरणों के निराकरण के संबंध में नया आदेश जारी कर व्यवस्था दी है कि यदि किसी प्रकरण का नियत समयावधि में निराकरण नहीं हो पाता तो उसे ब्लाक में शामिल कर सकते हैं। किंतु समयावधि में बढ़ोत्तरी की सुविधा सिर्फ एक बार मिलेगी।
उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ के आदेश पर रजिस्ट्रार जनरल रामकुमार चौबे ने परिपत्र जारी कर दिया है। जिसमें साफ किया गयाा है कि एक जनवरी तक की स्थिति में 10 साल या उससे अधिक समय से लंबित प्रकरणों को सुनवाई में शामिल किया जाये। प्रकरण सूचीबद्ध करते हुए प्रत्येक तिमाही में 25 प्रकरणों का निराकरण गंभीरता पूर्वक किया जाये। इस दौरान दस साल से कम समय से लंबित प्रकरणों को नजरअंदाज न किया जाए। दस साल से अधिक समय से लंबित प्रकरणों को सुनवाई के तीन-तीन तिमाही के चार ब्लाक में रखा जाये। पहले ब्लाक के किसी प्रकरण की सुनवाई निर्धारित अवधि में पूरी नहीं होती है तो उसे दूसरे ब्लाक में रखा जा सकता है। यह सिर्फ एक बार किया जा सकता है। तथ्यों व कानून के अनुसार प्रकरणों का निपटारा किया जाये। सिर्फ लक्ष्य प्राप्ति के लिए जल्दबाजी में निपटारा न किया जाये। किसी एक ब्लाक में अधिवक्ता के एक से अधिक प्रकरण है तो न्यायालय एक दिन में एक से अधिक प्रकरणों की सुनवाई के लिए उस पर दवाब नहीं डाल सकता।

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