मध्यप्रदेश # प्रदेश की औद्योगिक नीति श्रेष्ठ, लेकिन क्रियान्वयन लचर…

 मध्यप्रदेश # प्रदेश की औद्योगिक नीति श्रेष्ठ, लेकिन क्रियान्वयन लचर…
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प्रदेश स्तरीय एमएसएमई सम्मेलन के लिए

फेडरेशन ऑफ मप्र चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने दिए सुझाव

जबलपुर। प्रदेश स्तरीय एमएसएमई सम्मेलन आगामी 19 जून को आयोजित होने वाला है जिसमें उद्योग जगत के हितार्थ निम्न सुझाव प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्रेषित किये गए हैं।
एक जानकारी में प्रदेश की शीर्ष उद्योग व्यापार संस्था, फेडरेशन ऑफ मप्र चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के उपाध्यक्ष हिमांशु खरे ने बताया कि उक्त वृहद बैठक प्रदेश के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित की जा रही है। जिसमें विभिन्न सुझावों पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश की औद्योगिक नीति श्रेष्ठ है किन्तु क्रियान्वयन लचर है। प्रदेश में समग्र औद्योगिक विकास हेतु ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के फॉर्मूले को चरितार्थ करना पड़ेगा, सख्त नियम एवं कानून का पुनर्निरीक्षण करना होगा तथा उद्योगपति, व्यापारी के मान सम्मान को बढ़ाना होगा तभी वृहद निवेश प्रदेश में आ पाएंगे।
हिमांशु खरे ने निम्न सुझाव उक्त बैठक हेतु प्रेषित किये। जिसमें बताया गया है कि प्रदेश में बिजली की दर भारत में अधिकतम की श्रेणी में है। एमएसएमई उद्योगों में लगने वाली विद्युत दरों में कटौती होना चाहिए क्योंकि उत्पादन इकाइयों में विद्युत् बिलों की पूर्ति में बहुत व्यय होता है तथा उत्पादन लागत भी बढ़ती है। स्वरोजगार योजनाओं में बैंकों की कार्यप्रणाली सुधरे, हितग्राहियों को समय पर ऋण मिले इसके लिए आवश्यक है कि सभी कागज प्रस्तुत करने के बाद एक समय सीमा तय की जाये जिसके भीतर ऋण प्रदाय किया जा सके। बैंक सम्बन्धी प्रकरणों को लोक सेवा गारंटी में लाया जाये। कृषि आधारित उद्योगों को कच्चा माल खरीदने के लिए मंडी टैक्स देना पड़ता है, यह मंडी टैक्स डेढ़ प्रतिशत से घटाकर आधा प्रतिशत किया जाना चाहिए। उद्यमी योजना में अपात्र उद्योगों की सूची को पुनर्निरीक्षण करने की आवश्यकता है। वर्तमान में 24 उद्योगों की ऐसी सूची है जिसे वर्तमान समय में कम किये जाने की आवश्यकता है। नगर निगम सीमा के बाहर स्थित औद्योगिक क्षेत्रों के लिए पृथक अग्निशमन नीति बनाये जाने की आवश्यकता है जिससे उद्योग, वेयर हाउस आदि लाभान्वित होंगे। जबलपुर में प्रदेश की प्रथम हर्बल मंडी बनायी जाये जिससे आयुर्वेद में संपन्न जबलपुर, मंडला, डिंडोरी, सिवनी, छिंदवाड़ा आदि क्षेत्र के किसान एवं उद्योग लाभान्वित हो सकें। जबलपुर एवं प्रदेश में सूक्ष्म श्रेणी के उद्यमियों के हितार्थ बहुमंजिला औद्योगिक कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। प्रदेश के समग्र औद्योगिक व्यापारिक विकास हेतु क्षेत्रीय स्तर पर उद्योग व्यापार विकास प्राधिकरणों का गठन किया जाना चाहिए जो ध्यान केंद्रित रह अपने सामर्थ्य एवं शासन के सहयोग से आर्थिक विकास को गति दे सके। प्रतिस्पर्धा के युग में ऐसे प्राधिकरण देश विदेश में अपने क्षेत्र के उत्पाद एवं सेवाओं को प्रचारित कर सकेंगे जिससे आर्थिक विकास बढ़ेगा।
फेडरेशन के कार्यसमिति सदस्य अशोक कपूर, राजीव अग्रवाल, बलदीप मैनी, अरुण पवार आदि ने आशा व्यक्त की है कि मुख्यमंत्री उपरोक्त सुझावों पर कार्यवाही कर आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करेंगे।

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