मध्यप्रदेश # मुख्यमंत्री ने पेशाब काण्ड पीड़ित को कहा सुदामा, धोए पैर

सेटन्यूज़ डेस्क। पेशाब काण्ड की घटना के बाद से सियासत गरमाई हुई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने गुरुवार को पीड़ित दशमत रावत को भोपाल बुलाया। यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने दशमत के पैर धोकर और शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने कहा कि मन दुखी है। मेरे लिए जनता ही भगवान है। उन्होंने दशमत की पत्नी से भी फोन पर बात की। उन्हें आश्वस्त किया कि मुख्यमंत्री तुम्हारे साथ है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने भोपाल में पीड़ित दशमत से बात की। सीएम ने पूछा कि बच्चे पढ़ रहे हैं? छात्रवृत्ति मिलती है? कोई परेशानी हो तो मुझे बताना है। बेटी लाडली लक्ष्मी है। पत्नी को लाड़ली बहना का लाभ मिल रहा है? आवास योजना का लाभ मिल रहा है? सीएम ने कहा कि बेटी को पढ़ाना है। बेटियां आगे बढ़ रही हैं। दशमत ने सीएम को बताया कि वह पल्लेदारी का काम करता है। मुख्यमंत्री ने पीड़ित से कहा कि मुझे बहुत दुख हुआ। मैं माफी चाहता हूं। मेरे लिए जनता ही भगवान समान है। सीएम ने दशमत को सुदामा कहते हुए कहा कि तुम अब मेरे दोस्ते हो।
दस दिन पहले वायरल हुआ वीडियो
यह वीडियो दस दिन पुराना है। वीडियो में सीधी जिले के कुबरी बाजार में एक युवक बैठा हुआ है। प्रवेश शुक्ला ने नशे की हालत में उसके ऊपर पेशाब कर दी। किसी ने इसका वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर डाल दिया। इसे लेकर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्ति की थी। ग्राम कुबरी के रहने वाले प्रवेश शुक्ला पूर्व में विधायक प्रतिनिधि थे। वर्तमान में वे सक्रिय बीजेपी कार्यकर्ता हैं। प्रवेश शुक्ला सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं।
इंसान में ही भगवान निवास करता है
शिवराज ने कहा कि मेरे लिए दरिद्र ही नारायण हैं और जनता ही भगवान है। जनता की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है। हम यह मानते हैं हर इंसान में ही भगवान निवास करता है। भाई दशमत के साथ अन्याय हुआ है। मेरा मन दर्द और पीड़ा से भर हुआ है इसलिए दशमत को मैंने यहां बुलाया। मन मेरा गहरी वेदना से भरा हुआ था। मन में बहुत तकलीफ थी। बहुत ही अमानवीय घटना हमारे भाई के साथ घटीं। मैं अंतरात्मा से मानता हूं गरीब ही हमारे लिए पूज्य हैं। गरीब का अपमान, हम सब का अपमान है।
दशमत की पत्नी बोली, हमें पैसे का लालच नहीं
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने दशमत की पत्नी से फोन पर बात की। उस समय दशमत की पत्नी को कांग्रेस नेताओं ने घेर रखा था। शिवराज ने कहा कि दशमत भाई मेरे साथ हैं। इस पर दशमत की पत्नी ने कहा कि आप तो उन्हें घर भेजो। आप उन्हें हमारे सामने ले आइए। इसके बाद दशमत ने भी अपनी पत्नी से बात की। इस दौरान उनकी पत्नी रूंआसी हो गई। कहने लगी कि हमें आपकी चिंता हो रही है। दशमत बोले कि हमें साहब ने बुला लिया था तो हम भोपाल आ गए। आप लोग खाना खा लो। बाद में शिवराज ने फिर दशमत की पत्नी से बात की। उन्होंने कहा कि दशमत मेरा भाई है। तुम मेरी बहन हो। चिंता मत करो। बाकी सब परिवार की चिंता मैं कर रहा हूं। मकान भी बनने वाला है। कुछ पैसे भी करवा रहा हूं काम-धंधे के लिए। इस पर दशमत की पत्नी ने कहा कि पैसे का लालच नहीं है। आप तो पहले उन्हें (दशमत को) भेजिए।
कमलनाथ बोले, सच्ची आत्मा होती तो कैमरा लगाकर नहीं दिखाते
पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि सीधी की घटना ने पूरे मध्य प्रदेश को देशभर में कलंकित किया है। मध्य प्रदेश में आदिवासी समाज सबसे अधिक है। उनके यह हालात है। पिछले कुछ महीनों से जिले-जिले से खबरें आ रही हैं। कहीं जिंदा गाड़ दिया गया, कहीं गाड़ी से घसीटा गया। सिर्फ 10 प्रतिशत घटनाएं ही सामने आती हैं। शिवराज सिंह जी कितनी भी नाटक-नौटंकी कर लें, और अपने 18 साल का पाप धोने का प्रयास कर लें, वह नहीं धुलेगा। उनकी सच्ची आत्मा होती तो कैमरा बुलाकर नहीं दिखाते। उनका मतलब कैमरे से था। कैमरे की नौटंकी उन्होंने 18 साल कर ली है। अब यह चलने वाली नहीं है। पत्नी को प्रलोभन दे रहे हैं। यह नाटक-नौटंकी है। यह सब अपना पाप साफ करने के लिए है। ये ही समिति बनाएंगे। कैमरे की नौटंकी करेंगे। फिर क्लीन चिट दे देंगे। शिवराज सिंह जी सोचते हैं कि आदिवासी समाज माफ कर देगा। वह परिचित है कि किस तरह की घटनाएं होती हैं। आदिवासी समाज इन्हें कभी माफ नहीं करेगा। कितने भी पैर धुलवा लें, कितने भी कैमरे सामने लगवा लें, जिनकी आत्मा और मन साफ होता है, वह कैमरे के सामने यह नहीं करते।