डिंडौरी# में विधानसभा निर्वाचन 2023 में स्वतंत्र, निष्पक्ष कराने बैठक आयोजित, जप्तियों की जानकारी तुरंत व्यय प्रेक्षक को दें, अभ्यर्थी का 40 लाख से अधिक व्यय न हो

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डिंडौरी# में विधानसभा निर्वाचन 2023 में स्वतंत्र, निष्पक्ष कराने बैठक आयोजित, जप्तियों की जानकारी तुरंत व्यय प्रेक्षक को दें, अभ्यर्थी का 40 लाख से अधिक व्यय न हो

– जप्तियों के दौरान आवश्यक प्रक्रिया का पालन करें अभ्यर्थी के राशि के ट्रांजेक्शन पर बैंक सेक्टर निगरानी रखें
– जप्तियों के दौरान वीडियोग्राफी व प्रकरण को पंजीबद्ध करें – व्यय प्रेक्षक

 

डिंडौरी,गणेश मरावी। विधानसभा निर्वाचन 2023 में स्वतंत्र, निष्पक्ष व पारदर्शी रूप से संपन्न कराने के लिये जिले में नियुक्त व्यय प्रेक्षकों द्वारा रिटर्निंग अधिकारी व व्यय निगरानी टीम के सदस्यों के साथ बैठक कर आवश्यक निर्देश दिये। बैठक की अध्यक्षता व्यय प्रेक्षक सी अरूणोदय ने की। इस दौरान नोडल व्यय प्रेक्षक, सहायक व्यय प्रेक्षक के अधिकारियों के साथ व्यय निगरानी सेल के अधिकारियों से स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव के संबंध में चर्चा की साथ ही गठित टीम के संबंध में जानकारियां लेकर निर्वाचन आयोग के निर्देशों से अवगत कराया।

 

बैठक में मुख्य रूप से व्यय निगरानी के लिये प्रत्येक रिटर्निंग अधिकारी से चर्चा कर कहा कि जब भी कोई जप्तियां होती है, तो उस दौरान अपनाये जाने वाली प्रक्रिया का पालन करें साथ ही जप्तियों की जानकारी तुरंत व्यय प्रेक्षक को दें। उन्होनें कहा कि यह ध्यान में रखा जाये कि अभ्यर्थी का 40 लाख से अधिक व्यय न हो। बैठक में व्यय निगरानी के लिये दिये गये प्रशिक्षण के संबंध में भी जानकारी लेकर कहा कि इन्फोर्समेंट एजेंसी के बीच अच्छा समन्वय रहे, जिससे परिणाम अच्छे आयेंगे। आदर्श आचरण संहिता के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुये व्यय प्रेक्षकों ने कहा कि इसका पालन अनिवार्य रूप से करें। साथ ही डिफेसमेंट की कार्यवाही भी करें। अभ्यर्थी निर्वाचन के दौरान अपने बैंक खाता खोलेगा। अतः बैंकर्स उसके आय, व्यय पर नजर रखें। ताकि राशि ट्रांजेक्शन पर नियंत्रण रहे।

बैंक सेक्टर इस दिशा में आवश्यक कार्यवाही भी करें। प्रेक्षकों ने कहा कि उन्हें विधानसभावार रिपोर्ट भेजनी है। अतः इलेक्शन कमीशन को जो भी डेटा भेजा जा रहा है, उसमें मिसमेच न हो। सीजर के दौरान सामग्री की मात्रा के साथ उसके वैल्यु का आंकलन करने के निर्देश दिये। उन्होनें विशेष रूप से कहा कि व्यय निगरानी टीम के लिये आवश्यक संसाधन की व्यवस्था हो। साथ ही हर कार्यवाही के दौरान वीडियोग्राफी हो और प्रकरणों को पंजीबद्ध करें। प्रेक्षकों ने कहा कि डिजीटल वेन जैसे ई-रिक्शा इत्यादि में किये जाने वाले प्रचार-प्रसार को भी व्यय सूची में शामिल करें।

 

 

 

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