ब्रेकिंग न्यूज जबलपुर # सरकारी सिस्टम की ऐसी लाचारी की मौत के तीन दिन बाद भी नही हुआ पोस्टमार्टम,पीएम के लिए पिछले तीन दिनों से मेडिकल अस्पताल और पुलिस चौकी के काट रहे परिजन चक्कर

मध्य प्रदेश में सरकारी सिस्टम की नाकामी इस कदर देखने को मिल रही है जिससे साफ जाहिर होता है हमारा सरकारी सिस्टम आज भी लाचार पंगु और असहाय है। लेकिन हम ऐसा क्यों कह रहे हैं इसके पीछे एक बड़ी वजह है दरअसल सरकारी सिस्टम की लाचारी के चलते एक 9 साल की मासूम अपने परिजनों के साथ बीते चार दिनों से मेडिकल केंपस के बाहर अपने पिता के पोस्टमार्टम होने का इंतजार कर रही है… की कब उसके पिता का पोस्टमार्टम हो और वह उन्हें लेकर अपने गंतव्य की ओर रवाना हो लेकिन सरकारी सिस्टम तो इतना लचर है कि एक नाम सुधरवाने के लिए मेडिकल प्रबंधन को चार दिन लग गए लेकिन अब तक नाम नहीं सुधरा जिसके चलते मृतक का पोस्टमार्टम नहीं हो सका, वही पिता का शव पाने मृतक की 10 साल की मासूम बेटी और 12 साल का बेटा 42 डिग्री तापमान में मेडिकल अस्पताल प्रवंधन और पुलिस के चक्कर काटने को मजबूर है।
दरअसल वीते 23 मई को सिवनी जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत बस स्टैंड निवासी अंकित मिश्रा मेले में दुकान लगाया हुआ था। उसी दौरान अज्ञात बदमाशों ने चाकू से हमला कर लहू लुहान कर दिया। अंकित की पत्नी अंजना मिश्रा अपने पति को बचाने के लिए पत्नी दौड़ी तो हमलावरों ने पत्नी को भी चाकुओं से हमला कर घायल कर दिया। आनन फानन में मौजूद लोग दोनो पति पत्नी को एम्बुलेंस की मदद से सिवनी के सरकारी अस्पताल लेकर पहुँचे जहां डॉक्टरों ने अंकित और इसकी पत्नी अंजना को ईलाज के लिए जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल अस्पताल रैफर कर दिया। करीब 12 घंटे तक ईलाज चलने के बाद 24 मई को अंकित ने दम तोड़ दिया। वही पत्नी अंजना का ईलाज चल रहा है।
मृतक अंकित मिश्र की वहन गीता मिश्रा ने सेट न्यूज से बातचीत में बताया कि 23 मई को एम्बुलेंस चालक भाई और भाभी को ईलाज के लिए मेडिकल अस्पताल लेकर आया था। मेडिकल अस्पताल में दाखिला कराने के दौरान चालक ने भाई का नाम अंकित मिश्रा की जगह मनीष मिश्रा लिखा दिया। जहां 24 मई को ईलाज के दौरान अंकित की मौत हो गई। अंकित की मौत के बाद परिजन शव लेने पहुचे तो डॉक्टर और पुलिस ने मनीष मिश्रा नाम न होकर दस्तावेज में अंकित होने की बजह से पोस्टमार्टम करने से साफ इंकार कर दिया। परिजनों के द्वारा मृतक का वोटर आईडी एवं 50 रुपये के स्टाम्प ड्यूटी एफिडेविड दिया इसके बाद भी अधिकारी पिछले तीन दिनों से भटका रहे है। माया ने बताया कि पुलिस ने पूछने पर बताया है कि आज 26 मई को रविवार है छुट्टी का दिन है। इसलिए पोस्टमार्टम नही हो सका, कल सुबह मेडिकल ओपीडी से लेकर वार्ड तक मे नाम सुधरवाया जाएगा जहां पीएम के बाद शव सुपुर्द कर दिया जाएगा। लेकिन इस पूरे मामले में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है की आखिर चार दिन वीत जाने के बाद भी आखिर पोस्टमार्टम क्यो नही हुआ। इस पूरे मामले में आखिर जबाबदेही किसकी बनती यह बड़ा सवाल है।
वही पूरे मामले में गढ़ा थाना में पदस्थ सब इंस्पेक्टर अनिल कुमार का कहना है कि मेडिकल से एक तहरीर मेडिकल पुलिस चौकी पहुचीं थी। जिसमे नाम मे गड़वड़ी होने के चलते पोस्टमार्टम नही हो सका। मृतक के मूल दस्तावेज और नोटरी के कागज के ले लिए गए है। मेडिकल से नाम सुधरने के बाद पोस्टमार्टम कराया जाएगा जिसके बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया जाएगा।
सुनील सेन सेट न्यूज जबलपुर,
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