जबलपुर: दैनिक भास्कर के पत्रकार गंगा पाठक के घर पर चली एक घंटे सर्चिंग,फर्जीवाड़े से आदिवासियों की भूमि हड़पने का मामला, इनाम भी हुआ घोषित

SET NEWS जबलपुर। फर्जीवाड़े से आदिवासियों की भूमि हड़पने के आरोपी ग्वारीघाट निवासी गंगा पाठक व पत्नी ममता पाठक के घर समेत कई ठिकानों पर पुलिस ने छापामारी की, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। पुलिस ने उसके ग्वारीघाट रोड स्थित निवास स्थित घर समेत एक फार्म हाऊस में भी छापा मारा, लेकिन वहां न तो गंगा मिले और न ही उसकी पत्नी ममता। वहीं मामले के अन्य आरोपी भी फरार हैं और सभी के फोन बंद है। हालांकि पुलिस उनके करीबियों पर भी नजर रखे हुए है। उनके फोन कॉल्स भी पुलिस के रडार पर है। सोमवार को आरोपी पत्रकार के घर पर 1 घंटे तक पुलिस ने सर्चिंग की। वहीं पुलिस अधीक्षक ने फरार आरोपी पति गंगा-पत्नी ममता समेत अन्य आरोपियों पर 5-5 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर दिया है।
ऐंठाखेड़ा के ग्राम रामपुर नकटिया में तीन आदिवासी परिवारों के जाति प्रमाण पत्र बदलकर फर्जी दस्तावेज तैयार कराए गए थे। आदिवासियों की जमीन बिना प्रशासनिक अनुमति के नहीं बेची जा सकती है। इसलिए पत्रकारिता के दम पर गंगा पाठक ने इन सभी के ओबीसी के जाति प्रमाण पत्र बनवाए और फिर उनकी साढ़े चार एकड़ जमीन अपने नाम रजिस्टर्ड करा ली। बाद में यही जमीन उनकी पत्नी ममता पाठक के नाम कर दी गई। इस षड्यंत्र में एक पूरा गिरोह काम कर रहा था।
तिलवारा पुलिस ने फर्जीवाड़े के आरोपी गंगा पाठक, पत्नी ममता पाठक निवासी नरसिंह वार्ड गोरखपुर, ओमप्रकाश त्रिपाठी निवासी पोलीपाथर, संजीव श्रीवास्तव सैनिक सोसायटी, भारत मेहरा खहरिया जिला कटनी, दीपक मिश्रा खहरिया जबलपुर, नारायण प्रसाद श्रीवास, रामकुमार मांझी, दीपक कुमार साहू व एक अन्य निवासी जबलपुर के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने, साजिश रचने सहित अजा-अजजा अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है।
यह है मामला-
जबलपुर तहसील के रामपुर नकटिया पंचायत ऐंठाखेड़ा निवासी वीरन सिंह गोड़ के नाम पर साढ़े चार एकड़ से अधिक जमीन राजस्व रेकॉर्ड में दर्ज थी। जिस पर परिवार काबिज था। नवबर 2022 में गंगा पाठक वगैरह ने जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम करा ली। आदिवासी की जमीन की खरीद-बिक्री नहीं हो सकती, यह आरोपी जानते थे, इसलिए किसी दूसरे व्यक्ति को वीरन सिंह राजपूत बताकर रजिस्ट्री कराई। इसके लिए फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार किए गए और वीरन सिंह गोंड़ के पिता के नाम के आगे भी राजपूत दर्ज करा लिया था। इन्हीं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर तत्कालीन उप पंजीयक जितेंद्र राय ने रजिस्ट्री कर दी। वीरन की शिकायत पर जांच हुई तो फर्जीवाड़ा उजागर हुआ और एसडीएम जबलपुर अभिषेक सिंह ठाकुर ने रजिस्ट्री शून्य घोषित कर दी।
सुनील सेन सेट न्यूज जबलपुर,7974423030