जबलपुर: कलयुग केवल ‘नाम’ अधारा,भगवान के नाम जप व कीर्तन का महत्व समझना जरूरी, कथावाचक सुरेंद्र कृष्ण शास्त्री के उद्गार

कलयुग केवल ‘नाम’ अधारा,भगवान के नाम जप व कीर्तन का महत्व समझना जरूरी, कथावाचक सुरेंद्र कृष्ण शास्त्री के उद्गार
जबलपुर। कलयुग में जीव की मुक्ति का एकमात्र साधन भगवान श्री कृष्ण के नाम का जाप और कीर्तन करते हुए उनकी भक्ति में लीन रहना है। इस कलयुग रूपी भवसागर से भगवान के नाम रूपी नौका के सहारे ही पार उतरा जा सकता है। इसलिए सभी लोगों को भगवान के नाम जाप और कीर्तन के महत्व को समझना जरूरी है। वेद, पुराण, उपनिषद् और शास्त्रों में भगवान के नाम जप एवं कीर्तन की अपार महिमा का बखान किया गया है। चाहे श्रीमद् भागवत महापुराण हो या श्री राम चरित मानस, सभी में भगवान के नाम जप, कीर्तन को ही कलयुग में जीव के कल्याण का साधन बताया गया है। इससे कलयुग के दोषों का नाश हो जाता है और जीव भगवत प्राप्ति तथा मोक्ष को प्राप्त हो जाता है।
उक्त उद्गार पंजाब बैंक कालोनी में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में व्यासपीठ से शिव मंदिर कचनार सिटी (बड़े शंकर जी) के मुख्य आचार्य एवं मां दक्षिणेश्वरी धाम के संस्थापक कथावाचक सुरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी महाराज ने व्यक्त किए।
कथा के पूर्व देवी देवताओं का पूजन अर्चन आचार्य अमित उपाध्याय एवं संजय उपाध्याय ने संपन्न कराया। शिवा विश्वकर्मा ने भजनों की प्रस्तुति दी। इस दौरान अहिल्या शुक्ला, प्रगति तिवारी, पुरन खंपरिया, हरीश पांडे, रेवांश, शांतनु, जागृति, अर्पित सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।