इंदौर में फर्जी शेयर ट्रेडिंग ऐप से करोड़ों की ठगी:फेक वेबसाइट और डाटा एनालिटिक्स की साइट से झांसे में लेते, फिर निवेश कराते; एक करोड़ से ज्यादा ठगे

इंदौर में दो युवक फर्जी शेयर ट्रेडिंग के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी कर रहे थे। फेक वेबसाइट और डाटा एनालिटिक्स की साइट बनाकर ग्राहकों से ठगने का काम चल रहा था। कंपनी ने ग्रेविटी मॉल में दबिश देकर एल्गो ट्रेडिंग कंपनी का भंडाफोड़ किया। यहां बाहर चॉइस ब्रोकिंग कंपनी का बोर्ड लगा रखा था।
पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में शेयर ट्रेडिंग कंपनी के डायरेक्टर सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक कंपनी युवक-युवतियों को नौकरी देने के नाम पर ट्रेनिंग के लिए बुलाते थे। ट्रेनिंग के बाद वे प्रदेश के शहरों के में फोन लगवाकर शेयर ट्रेडिंग के नाम ठगी करते थे। पुलिस ने अब तक एक करोड़ 60 लाख की ठगी पकड़ी है।
विजय नगर थाना प्रभारी तहजीब काजी ने बताया कि प्रोएक्टिव पुलिसिंग के तहत इलाके की बिल्डिंग्स की जांच की जा रही है। इनमें संचालित होने वाली कंपनियों की जानकारी ली जा रही है। पुलिस को जानकारी मिली थी कि भमोरी इलाके के ग्रेविटी मॉल में एक ऑफिस में कुछ संदिग्ध गतिविधि चल रही है। दबिश देने पर फर्जी एडवाइजरी कंपनी संचालित होते पाई गई।
बाहर चॉइस ब्रोकिंग का बोर्ड, अंदर एल्गो के नाम से ट्रेडिंग कंपनी
कंपनी के बाहर चॉइस ब्रोकिंग कंपनी का बोर्ड लगा हुआ था। जांच में पता चला कि यहां पर एल्गो ट्रेडिंग कंपनी के नाम से काम किया जा रहा है। कंपनी से पुलिस ने मौके पर शुभम प्रजापति निवासी भमोरी, श्रव्या निवासी कालानी नगर को पकड़ा। कुलदीप और शुभम रिश्तेदार है और कंपनी का संचालन करते हैं। श्रव्या कंपनी में HR का काम संभालती है। जो नए लड़के-लड़कियों को नाम बदलकर बात करने के लिए ट्रेनिंग देती है। उन्हें असली कंपनी दिखा कर ऑफिस कार्य के नाम पर ट्रेनिंग देती थी। एक युवक अरबाज नाम बदलकर रिहान नाम से ग्राहकों से बात कर उनसे राशि जमा करवाता था। आरोपी शुभम प्रजापति, श्रव्या और रिहान उर्फ रिजवान को मौके से गिरफ्तार किया गया है।
बनाया फर्जी सॉफ्टवेयर
जांच में सामने आया है कि इस आरोपियों ने ट्रेडिंग कंपनी में निवेश के नाम पर लोगों को झांसा देने के लिए ऐप बनाया था। कंपनी के लोग जब किसी व्यक्ति से निवेश के लिए संपर्क करते हैं तो उन्हें अपनी बातों में लेने के लिए स्मार्ट ट्रेड सिक्योरिटी कंपनी की वेबसाइट दिखाते थे। इसे देख लोग एल्गो ट्रेडिंग कंपनी पर विश्वास करने लगते थे।
विजय नगर पुलिस ने स्टॉक एक्सचेंज जैसे नकली ऐप और बेवसाइट बनाकर लोगों को ठगने वाली गैंग को पकड़ा है। ये शेयर बाजार के ग्राफ का उपयोग कर लोगों को ठगते थे। ठगने के लिए सरगना ने लड़कियों को ट्रेनिंग दी। फिर देशभर के लोगों का डाटा लेकर कॉल लगवाते। धोखाधड़ी में इस्तेमाल होने वाले तीन अकाउंट की जानकारी पुलिस को मिली है। इनमें से एक में डेढ़ करोड़ का ट्रांजैक्शन मिला है।
डीमेट खाता खुलवाते और उसी में निवेश कराते
एल्गो ट्रेडिंग के कर्मचारी प्ले स्टोर पर कंपनी के ही नाम से बना ऐप डाउनलोड कराते थे। इसमें ग्राहकों से डीमेट खाता खुलवाया जाता। फिर ऐप के जरिए ट्रांजैक्शन किए जाते। लोगों को भरोसे में लेने के लिए कंपनी के कर्मचारी शेयर बाजार के इंडेक्स के फर्जी ग्राफ का इस्तेमाल करते हैं। इसमें ग्राहक द्वारा निवेश किए गए कंपनी के शेयर में मुनाफा बताया जाता। इस तरह लोग इनके झांसे में आ जाते और वह बताई गई राशि कंपनी के खाते में जमा कर देते।
8 महीने से चला रहे थे कंपनी
जांच में पता चला करीब 8 महीने से फर्जी ट्रेडिंग कंपनी का संचालन किया जा रहा था। पहले आरोपी अपने घर से काम कर रहे थे। 2 महीने पहले ही ऑफिस किराए पर लेकर यहां से काम शुरू किया था। कार्रवाई के बाद जब कंपनी के रिकॉर्ड पुलिस ने देखे तो 4 पीड़ितों से पुलिस का संपर्क हुआ, जिनसे डील हुई थी। कंपनी के दस्तावेज और बैंक खातों की जांच पुलिस कर रही है।
ऐसी ठगी से कैसे बचा जा सकता है?
किसी भी ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसके रिव्यू जरूर देखें। उसके ओरिजिनेटर देख लें। कई लोग उसमें कमेंट्स लिख देते हैं कि ये फर्जी है। ऐसी स्थिति में ऐप की डाउनलोड संख्या देखना चाहिए। नामी कंपनियों के ऐप करोड़ों लोग डाउनलोड करते हैं। फर्जी ऐप कम लोग डाउनलोड करते हैं।
ऐसे निवेश में क्या सावधानी रखें?
कमर्शियल ट्रांजैक्शन से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि जो ऐप डाउनलोड किया है, वह सही है। अकाउंट नंबर भी चेक कर सकते हैं कि कंपनी हेडक्वार्टर कहां का बता रही है। अकाउंट किस शहर का दिया है। इनके डाटा को प्रतिष्ठित ऐप के डाटा से क्रास चेक भी किया जा सकता है।