GATE: 13वीं रैंक लाने वाले MP के बेटे की कहानी:पिता रातभर पढ़ने से मना करते, जुनून देख मां चोरी-छिपे कॉफी देती रहती… बेटा पढ़ता जाता

कहते हैं जिद और जुनून हो तो जिंदगी के हर एग्जाम को पास किया जा सकता है। कुछ ऐसा ही है रीवा का रहने वाला मोहम्मद सुल्तान शेख (22)। सुल्तान ने देश की सबसे कठिन परीक्षा में से एक GATE में सफलता पाई है। परीक्षा में अच्छी रैंक लाने के लिए रोजाना 15 से 20 घंटे तक पढ़ाई की। उसका सपना PSU (पब्लिक सेक्टर अंडर टेकिंग) में जॉब करना था। इसके लिए उसने दोबारा एग्जाम दिया था। इस बार GATE में उसकी ऑल इंडिया रैंक 13वीं आई है। दैनिक भास्कर से मोहम्मद सुल्तान ने सफलता के मंत्र शेयर किए। पढ़िए, उसके जिद और जुनून की कहानी, उसी की जुबानी…
मैंने सेल्फ स्टडी कर पूरी तैयारी की है। ग्रेजुएशन के बाद ऑनलाइन पढ़ाई की शुरुआत की। कभी कोचिंग नहीं गया। हां, मेरे घर में पढ़ाई का अच्छा माहौल है। दिन की जगह रातभर पढ़ता था। सुबह 5 बजे से 11 बजे तक सोता था। पहले साल रोजाना 10 से 12 घंटे और दूसरे साल 14 से 20 घंटे तक पढ़ाई की। पहली बार 2021 में GATE एग्जाम दिया। तब मेरी रैंक 1373 आई थी। मुझे PSU (पब्लिक सेक्टर अंडर टेकिंग) में जॉब करनी थी। ये जॉब उन्हीं को मिलती है, जो GATE टॉप 100 में आते हैं। ऐसे में मैंने लगातार दूसरे साल 2022 में GATE का एग्जाम दिया। 17 मार्च को आए रिजल्ट में मेरी 13वीं रैंक आई। अब मैं भाभा एटॉमिक एंड रिसर्च सेंटर मुंबई में साइंटिफिक ऑफिसर के रूप में कार्य करना चाहता हूं। इसके लिए मुझे इंटरव्यू देना होगा। इसके बाद जॉइनिंग हो जाएगी।
आज मैं जो हूं, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिलपरा में पदस्थ टीचर पिता मो. एहसान की बदौलत हूं। स्कूल में टीचरों ने पढ़ाया, बची कसर घर में टीचर पिता ने पूरी कर दी। मां अनीसा बेगम ने भी सहयोग दिया। पिता अगर बाहर होते, तो मां खुद मुझे रिवीजन कराने लगती थीं।
टीचर पिता ने कहा- बेटे में जुनून था
मो. एहसान ने बताया कि बेटे ने गेट में अच्छी रैंक लाने के लिए दिन-रात एक कर दिए। वह 24 घंटे में 15 से 20 घंटे तक पढ़ता था। कई बार मैं रात में जागा तो वह पढ़ता दिखा। बेटे को कहता था कि अब सो जा कल पढ़ लेना, लेकिन उसमें गेट को निकालने का जुनून सवार था। मेरे मना करने के बाद भी उसकी मम्मी चोरी-छिपे रात में उसे कॉफी पिलाती रही, वह पढ़ता गया।
बेटे ने बचपन से कक्षा 12वीं तक मोबाइल नहीं देखा है। वह आज भी सोशल मीडिया से दूर है। वह सिर्फ ऑनलाइन क्लास लेने के लिए मोबाइल लेता था। बाकी हमारे घर में बच्चों के लिए फोन प्रतिबंधित है। आज मेरा बड़ा बेटा मो. रिजवान शेख एलआईसी ग्रेड वन ऑफिसर है। दूसरा बेटा सुल्तान GATE में 13वीं रैंक पाया है। सबसे छोटा बेटा मो. नोमान शेख रीवा इंजीनियरिंग कॉलेज से बीटेक कर रहा है।
ऐसे चढ़ी सफलता की सीढ़ी
मां अनीसा बेगम ने बताया कि सुल्तान ने LKG से 12वीं तक की पढ़ाई महर्षि विद्या मंदिर कोष्ठा से पूरी की। इसके बाद वह शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय रीवा से 2017 से 2021 के बीच बीटेक कंप्लीट की। साथ ही, गेट की तैयारी करता था। वह शुरुआत से ही अन्य बच्चों से अलग रहता था। उसको घर के कामकाज आदि से कोई वास्ता नहीं था। यहां तक कि कोई घर आए तो गेट तक नहीं खोलता था। उसने पढ़ाई को शुरुआत से ही महत्व दिया। आज उसकी सफलता सबके सामने है।
मां ने बेटों के लिए छोड़ी सरकारी नौकरी
सुल्तान की मां अनीसा बेगम एमए राजनीति विज्ञान से पढ़ी हुई हैं। करीब 15 साल पहले वह शिक्षाकर्मी थीं। उनकी पदस्थापना शहर से 70 किलोमीटर दूर थी, लेकिन नौकरी के कारण बच्चों की पढ़ाई डिस्टर्ब होने लगी। साथ ही रोजाना अप-डाउन करना संभव नहीं था। इस कारण शिक्षाकर्मी की नौकरी मैनेज नहीं हो पाई। ऐसे में बच्चों के लिए सरकारी नौकरी छोड़ दी।