सरोवर प्राधिकरण की शुरुआत:52 जिलों में 5200 तालाब बनाने का मेगा प्लान, पानी सहेजने और तालाबों की मानिटरिंग के लिए प्रदेश में बनेगा सरोवर प्राधिकरण

राज्य सरकार ने प्रदेश में पानी सहेजने के लिए बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश में पहली बार सिर्फ तालाबों से जुड़े सारे कामों को प्राथमिकता से करने के लिए सरोवर प्राधिकरण बनाया जाएगा। इसकी मानिटरिंग में ही प्रदेश में नए तालाब बनने से लेकर तालाबों की मरम्मत के सारे काम होंगे। सरोवर प्राधिकरण पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत काम करेगा।विभागीय मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया ने बताया कि सरोवर प्राधिकरण के गठन से जुड़ी सारी प्रक्रियाओं के नियम बनने के बाद प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा। प्रदेश में बाकी निर्माण और मानिटरिंग एजेंसी जिस तरह से काम करती है, वैसे ही प्राधिकरण काम करेगा। किसी आईएएस को एमडी बनाया जाएगा। इसमें राजनीतिक नियुक्ति नहीं की जाएगी। सरोवर प्राधिकरण के जरिए अमृत सरोवर योजना से जुड़े सारे काम मनरेगा के तहत होंगे। तालाबों की गुणवत्ता पर नजर रहेगी। वर्तमान में तालाब बनाने के बाद इनकी मरम्मत की जिम्मेदारी तय नहीं रहती है।
प्रत्येक जिले में 4 करोड़ रुपए खर्च होंगे तालाब बनाने में
केंद्र सरकार की अमृत सरोवर योजना को राज्य सरकार ड्राइव करेगी। काम की मानिटरिंग की जिम्मेदारी सरोवर प्राधिकरण की होगी। इसके अंतर्गत शासन ने प्रत्येक जिले में 100 तालाब बनाने का फैसला लिया है। 52 जिलों में दो से तीन साल के भीतर 5200 तालाबों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। इन तालाबों में पानी का भंडारण और जलस्तर उठेगा। इसके साथ ही मत्स्य पालन भी कराया जाएगा। गांवों में तालाब बनने के बाद पशुओं के पानी पीने की समस्या खत्म हो जाएगी। योजना में एक जिले में लगभग चार करोड़ के खर्च का लक्ष्य रखा गया है। एक तालाब पर करीब 4 लाख का खर्च आएगा। इसमें गांवों में जनभागीदारी से भी राशि एकत्र होगी।