कैट का अहम फैसला:अनुकंपा नियुक्ति के लिए कर्मचारी की मृत्यु के समय उसका आश्रित होना जरूरी

केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) ने अनुकंपा नियुक्ति से जुड़े एक अहम फैसले में कहा कि नियुक्ति के समय आवेदक का मूल कर्मचारी की मृत्यु के समय उसका आश्रित होना जरूरी है। कैट के न्यायिक सदस्य रमेश सिंह ठाकुर की एकलपीठ ने रेलवे कर्मी की पुत्री को अनुकंपा नियुक्ति का लाभ देने से मना कर दिया।
कैट ने रेलवे के 7 अगस्त 2015 के आदेश को सही ठहराया है, जिसमें आवेदिका के अनुकंपा नियुक्ति के दावे को निरस्त कर दिया गया था। विदिशा निवासी यशवंती सुनानी की ओर से कैट में याचिका दायर कर रेलवे के निर्णय को चुनौती दी थी। दरअसल रेलवे कर्मी की मृत्यु के बाद सबसे पहले उनकी पत्नी शिवरती बाई ने 2001 में आवेदन किया था, लेकिन मेडिकल आधार पर उनका दावा खारिज हो गया।
दुखद संयोग जुड़ता चला गया
वर्ष 2003 में शिवरती की मृत्यु हो गई। बेटे मदन ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया, जो स्वीकार हो गया। पर ट्रेनिंग के दौरान 2013 में उसकी भी मृत्यु हो गई। इसके बाद बहन यशवंती ने आवेदन पेश किया। दुर्भाग्य से शादी-शुदा आवेदिका यशवंती के पति की भी मृत्यु हो गई।
आवेदन के समय आवेदिका पति के साथ रह रही थी
रेलवे की ओर से अधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के फैसलों का हवाला दिया। बताया कि जब यशवंती ने आवेदन दिया, तो वह पति के साथ रह रही थी। उसके पति की बाद में मृत्यु हुई है। ऐसे में वह पिता के आश्रित कैसे हुई। इस पर कैट ने उसके दावे को खारिज कर दिया।