।। जबलपुर ।। आयुष विभाग फार्मासिस्ट के पदों में की गई समस्त नियुक्तियां निर्णय के अधीन, व्यापमं सहित अन्य को नोटिस जारी

जबलपुर, (सेट न्युज़)। आयुष विभाग द्धारा विज्ञापित समूह-5 पदों में की गई समस्त नियुक्तियां मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय के अधीन रखने के निर्देश दिये है। जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने मामले में व्यापमं, आयुष विभाग व चयनित अभ्यार्थियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
रीवा के रहने वाले हरिशंकर सोनी की ओर से यह याचिका दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि वह व्यावसायिक परीक्षा मंडल भोपाल द्वारा आयुर्वेदिक फार्मासिस्ट की 28 सीटों के विज्ञापित पद के लिए आयोजित परीक्षा में शामिल हुआ था। जिसमें से 5 सीटें ओबीसी श्रेणी के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित थीं। याचिकाकर्ता ने चयन परीक्षा को उत्तीर्ण कर लिया और ओबीसी श्रेणी में रैंक एक हासिल कर मेधावी रहा। निदेशालय आयुष मध्य प्रदेश द्वारा याचिकाकर्ता को दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया गया था, जिस पर आयुक्त, निदेशालय आयुष मध्य प्रदेश द्वारा अंतिम चयन सूची मार्च 2023 को प्रकाशित की गई। जिसमें कई उम्मीदवारों के नाम नहीं थे और इसलिए उम्मीदवारों से राज्य के विभिन्न हिस्सों से 6 मार्च को भोपाल में आयुष निदेशालय कार्यालय पहुंचे। लेकिन उनके नाम चयन सूची 2 मार्च में शामिल नहीं किये। इतना ही नहीं आयुक्त, आयुष निदेशालय ने मेधावी उम्मीदवारों के दस्तावेजों के पुनः सत्यापन पर कोई भी चयन सूची प्रकाशित नहीं की, बल्कि केवल उन उम्मीदवारों की सूची प्रकाशित कीए जो पुनः दस्तावेज सत्यापन विभिन्न कारणों से अपात्र पाए गए थे। उन्ही उम्मीदवारों में से एक याचिकाकर्ता भी था। जिसे इस आधार पर अपात्र घोषित कर दिया गया गया था कि फार्म भरने के समय उसके पास वैध जीवित रोजगार पंजीकरण कार्ड नहीं था। आवेदक की ओर से अधिवक्ता धीरज कुमार तिवारी ने पक्ष रखते हुए तर्क दिया कि याचिकाकर्ता का आवेदन उस्सी समय निरस्त किया जाना चाहिए था, न कि चयन प्रक्रिया के अंत में, जब आवेदन पत्र स्वीकार किया गया हो और कभी भी खारिज नहीं किया गया हो। तो अब याचिकर्ता के उतीर्ण हो जाने के बात उससे पद से वंचित नहीं किया जा सकता। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने उक्त निर्देश देते हुए अनावेदकों को जवाब पेश करने के निर्देश दिये है।