मध्यप्रदेश # नरसिंहपुर पुलिस अधीक्षक न्यायालय में हाजिर होकर बतायें कि दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई !

जबलपुर, (सत्यजीत यादव)। पुलिस द्वारा याचिकाकर्ता का जबरन मोबाइल जब्त कर उसके फोन से सीएम हेल्पलाइन की शिकायत वापस लेने के रवैये पर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने कड़ी नाराजगी जाहिर की। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के जस्टिस विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने 26 जून को नरसिंहपुर के पुलिस अधीक्षक को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में हाजिर होकर यह बताने कहा है कि दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ विभाग द्वारा क्या कार्रवाई की गई।
जिला नरसिंहपुर के रहने वाले अभिषेक राय ने याचिकाकर्ता ने सीएम हेल्पलाइन में नरिसंहपुर पुलिस की कार्यप्रणाली की शिकायत की थी। आरोप है कि तत्कालीन थाना प्रभारी अमित कुमार डांगी ने अवैधानिक तरीके से अपने पद का दुरुपयोग करते हुए याचिकाकर्ता मोबाइल जब्त किया और खुद अभिषेक के नाम से उसके ही मोबाइल से सीएम हेल्पलाइन में फोन कर शिकायत बंद करवा दी।
निलंबन केवल औपचारिकता
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से न्यायालय को बताया गया कि मामले में इंस्पेक्टर एवं एक अन्य आरक्षक को निलंबित किया गया है, और विभागीय जांच जारी है। इस पर याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विशाल बघेल और दीपक तिवारी ने बताया कि निलंबन केवल औपचारिकता के लिए किया गया था, निलंबन के सिर्फ दो ही हफ्ते बाद आरोपी पुलिस अधिकारी बहाल हो गये।
दो झूठी एफआईआर दर्ज
याचिका में बताया गया कि याचिकाकर्ता ने राधेश्याम और राकेश का फर्जीवाड़ा उजागर करने और उनसे आवास योजना के लिए अवैध लाभ लेने के मामले में कलेक्टर को शिकायत की थी। इस मामले में सीईओ ने दोनों के खिलाफ रिकवरी भी निकाली थी। इस बात से क्षुब्ध होकर दोनों ने अभिषेक के खिलाफ दो झूठी एफआईआर दर्ज करवा दी। उन्होंने बताया कि याचिकाकर्ता एक मामले में रिपोर्ट लिखाने पुलिस थाने गया। शासकीय राशि की वसूली करवाने से खिन्न होकर पुलिस से मिलीभगत कर दुर्भावनावश झूठे दो अपराधिक प्रकरण दर्ज करवाए गए थे जिसकी कोई जानकारी याचिकाकर्ता को नही थी।
एफआईआर दर्ज करने का आश्वासन
21 जून को थाना कोतवाली पुलिस द्वारा याचिकाकर्ता को एक लंबित शिकायत में एफआईआर दर्ज करने का आश्वासन देकर फोन कर बुलाया गया था, याचिकाकर्ता जैसे ही थाने पहुंचा उसके मामले में शिकायत दर्ज कर उसे एफआईआर प्रदान की गई किन्तु उसके तुरंत बाद लगभग साढे तीन बजे उसे उसके ऊपर दर्ज दो अन्य झूठे अपराध में गिरफ्तार कर लिया गया।
संपूर्ण डाटा कर दिया डिलीट
इस घटनाक्रम के दौरान थाना कोतवाली पुलिस द्वारा उसका मोबाइल फोन जब्त कर उसके माध्यम से सीएम हेल्पलाइन 181 में फोन कर आवेदक द्वारा की गई। एक अन्य शिकायत को पुलिस द्वारा दर्ज निराकरण से सहमति और संतुष्टि व्यक्त करते हुए बंद करा दिया गया। जब याचिकाकर्ता ने अपना मोबाइल देखा तो उसका संपूर्ण डाटा डिलीट कर दिया गया था, जिसमें उसके लंबित मामलों के साक्ष्य, कॉल रिकार्डिंग, वीडियो आदि मौजूद थे।