जबलपुर # कलेक्ट्रेट का कंट्रोल रूम चला रहा चपरासी, अधिकारियों की चाटुकारिता कर दलाली प्रथा को दे रहा बढ़ावा

 जबलपुर # कलेक्ट्रेट का कंट्रोल रूम चला रहा चपरासी, अधिकारियों की चाटुकारिता कर दलाली प्रथा को दे रहा बढ़ावा
SET News:

SET NEWS/ जबलपुर। कलेक्ट्रेट में अपने मूल विभाग से हटकर पदस्थ हुए एक चपरासी ने खुद को जिले का कलेक्टर मानना ही शुरू कर दिया है। कोरोना काल के समय कलेक्ट्रेट में बनाए गए कंट्रोल रूम में तत्कालीन कलेक्टर ने इस चपरासी की चाटुकारिता से प्रभावित होकर इसे कंट्रोल रूम का प्रभारी बना दिया था। वर्तमान में यह कंट्रोल रूम पूरी तरह से निष्क्रिय है और आम जनता के किसी कार्य का नहीं है। चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को उसकी क्षमता से अधिक जिम्मेदारी के दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। पूरे कलेक्ट्रेट में इसी बात की चर्चा है कि यह सिर्फ विभागों में फाइलों को आगे बढ़ाने का कार्य करते हैं और इस वजह से दलाली प्रथा को बढ़ावा मिल रहा है। आश्चर्य की बात है कि यह वरिष्ठ अधिकारियों की नजर में आए बिना अपना कार्य करते हैं। दोपहर बाद से अपना दरबार लगाकर अन्य विभाग की कार्यों में रूचि देना और अपना उल्लू सीधा करना ही इनका मूल कार्य है।

मंच के नाम पर करता है नेतागिरी-

खास बात यह हैं कि कंट्रोल रूम का प्रभारी बनकर चपरासी समाजिक मंच की नेतागिरी भी करता आ रहा है। जबकि सरकारी कर्मचारी सेवाकाल के दौरान किसी भी तरह की गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकता है। हालांकि जिस मंच का गठन उसके द्वारा किया गया था उसका सरगना धोखाधड़ी के प्रकरण में विगत ढाई सालों से फरार चल रहा है। इतना ही नहीं नवागत अधिकारियों की पदस्थापना हाेते ही अपनी दुकानदारी चमकाने उनके स्वागत सत्कार में इनको महारथ हासिल है।

जनसंपर्क विभाग भी कर्मचारी से परेशान-

प्रभारी का दायित्व देख रहे कर्मचारी से जबलपुर जिला जनसंपर्क के जिम्मेदार भी परेशान है। अधिकारी आपस में चर्चा कर रहे होते है तभी अपनी वाहवाही लूटने के चक्कर में उक्त कर्मचारी सोशल मीडिया में बनाए कलेक्ट्रेट कंट्रोल रूम गुप्र में आधी अधूरी जानकारी डाल देता है। कहा जा रहा है कि सोशल मीडिया में वह भले ही सक्रिय रहता है लेकिन धरातल पर निष्क्रिय है।

jabalpur reporter

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