जबलपुर: भूमाफिया पत्रकार गंगा पाठक कर सकता है सरेंडर, आदिवासियों की जमीन हड़पने के बाद फरार दंपति आरोपी, आगामी सप्ताह में जाएगा जेल, सैंटिंग को लेकर भिड़ाई जा रही जुगत

भूमाफिया पत्रकार गंगा पाठक कर सकता है सरेंडर, आदिवासियों की जमीन हड़पने के बाद फरार दंपति आरोपी, आगामी सप्ताह में जाएगा जेल, सैंटिंग को लेकर भिड़ाई जा रही जुगत
SET NEWS, जबलपुर। भूमाफिया और पत्रकार गंगा पाठक कानूनी कार्यवाही का शिकंजा कसने के साथ ही फड़फड़ाने लगा है। पुलिस की घेराबंदी के आगे आरोपी पाठक और उसकी पत्नी ममता पाठक ने घुटने टेकने की तैयारी कर ली है। हाईकोर्ट की अग्रिम याचिका खारिज होने के बाद आरोपी पाठक और उसकी पत्नी सरेंडर करने की तैयारी कर रहे है। सूत्रों के अनुसार तीन माह से फरार गंगा पाठक 17 जून को सरेंडर कर सकता है। उसके पहले ही पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने की जुगत में भी है। दअरसल, आरोपी की संपत्ति कुर्क किए जाने और उसके बैंक खातों पर प्रतिबंध के पुलिस के आवेदन से उसकी मुश्किलें बढ़ गई। हर माेर्चे पर बढ़ती घेराबंदी से भूमिफिया पाठक के पास सरेंडर करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। जिससे अब वह साठगांठ कर सरेंडर करने का सुरक्षित माध्यम तलाश रहा है।
यह था मामला-
गौर तलब हैं कि जिले में जाली दस्तावेजों से आदिवासियों की कई एकड़ जमीन हड़पने का पाठक को मास्टरमाइंड माना जा रहा है। जिला प्रशासन की जांच में आरोपी का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया था। उसके बाद तिलवारा और बरगी थाना क्षेत्र में प्रशासन की ओर से 12 मार्च को एफआइआर दर्ज की थी। मामले में पाठक, उसकी पत्नी ममता पाठक सहित 10 को आरोपी बनाया गया है। एफआइआर दर्ज होने के बाद से गंगा अपनी पत्नी को लेकर फरार है। पुलिस ने गंगा के कुछ गुर्गों को गिरफ्तार किया था। उन्होंने पूछताछ में उसके फर्जीवाड़े को लेकर कई जानकारियां दी है। पुलिस ने पाठक और उसकी पत्नी की तलाश में भी कई जगह छापे मारे थे। लेकिन शातिर गंगा पकड़ में नहीं आया। अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद उसकी समस्या बढ़ गई है।
खाएगा जेल की हवा,
हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद गंगा पाठक का जेल की हवा खाना तय है। उस पर धोखाधड़ी सहित एससी-एसटी एक्ट का आपराधिक प्रकरण है। तीन माह से फरार गंगा और उसकी पत्नी के पकड़े नहीं जाने पर पुलिस की ओर से लगातार कार्यवाही की जा रही है। दंपती की संपत्ति की कुंडली तैयार करने और उसके आर्थिक स्त्रोत पर पुलिस की चोट के बाद गंगा के घुटने टेकने की स्थिति बन गई है। इसलिए वह सरेंडर के रास्ते ढूंढ रहा है।