जबलपुर में लावारिस मौत, लाचार व्यवस्था मोक्ष ने उठाया इंसानियत का बोझ,नगर निगम ने मदद से किया इनकार, सवालों में घिरी संवेदनहीन व्यवस्था

 जबलपुर में लावारिस मौत, लाचार व्यवस्था मोक्ष ने उठाया इंसानियत का बोझ,नगर निगम ने मदद से किया इनकार, सवालों में घिरी संवेदनहीन व्यवस्था
SET News:

SET NEWS, जबलपुर। जब किसी इंसान की मौत के बाद उसकी देह को जलाने के लिए जमीन की तलाश में अफसरशाही की सीढ़ियां चढ़नी पड़े और मदद की बजाय तिरस्कार मिले, तब समझिए कि मौत से भी बदतर है व्यवस्था का व्यवहार। रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 6 पर एक लावारिस भिखारी, उम्र लगभग 50 वर्ष, ने बीते बुधवार को दम तोड़ा। पोस्टमार्टम के बाद गुरुवार को जीआरपी पुलिस ने लाश के अंतिम संस्कार के लिए ‘मोक्ष मानव सेवा एवं जन उत्थान समिति’ के संस्थापक आशीष ठाकुर से संपर्क किया। मोक्ष के सदस्य लाश को लेकर तिलवारा श्मशान ले जाने की कोशिश की, लेकिन पानी भर जाने से अंतिम संस्कार नहीं हो सका।

बढ़ते पानी में बह गई संवेदनशीलता-
अंततः शव को चौहानी श्मशान घाट लाया गया, जहां ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी जमीन खुदाई योग्य नहीं थी। तब मोक्ष संस्था ने नगर निगम से जेसीबी की मदद मांगी। लेकिन नगर निगम अधिकारी हर्षा पटेल ने साफ इंकार कर दिया। उनका कथन था ऊपर से आदेश है, मशीन या कर्मचारी नहीं भेज सकते। कमिश्नर प्रीती यादव से बात करिए। जिसके बाद महापौर जगत बहादुर सिंह (अन्नू) से संपर्क कर मदद मांगी गई, जिन्होंने तत्परता दिखाई और संबंधित अधिकारी को निर्देशित किया। बावजूद इसके हर्षा पटेल ने फोन तक उठाना उचित नही समझा।

 

संस्था ने उठाया फावड़ा, किया सम्मानजनक विदा-
जब कोई रास्ता नहीं बचा, तो ‘मोक्ष’ के स्वयंसेवकों ने अपने हाथों से पहाड़ी पर खुदाई की और उस बेनाम भिखारी का अंतिम संस्कार किया जिसके पास जीवन में कुछ नहीं था, पर मरने के बाद दो गज ज़मीन तक नसीब नहीं हुई।

दो दशकों से बगैर सहयोग के मोक्ष कर रहा कार्य-
मोक्ष संस्था बीते दो दशकों से लावारिस, निशक्त, मानसिक रूप से अस्थिर और वृद्धजनों को न केवल आश्रय देती है, बल्कि उनकी मृत्यु के बाद सम्मानजनक अंतिम संस्कार भी करती है। वर्तमान में मेडिकल स्थित मोक्ष आश्रय में संस्था 50 से अधिक लाचार बुजुर्ग रह रहे हैं, जिनका इलाज और सेवा संस्था स्वयं करती है बिना सरकारी सहायता के। फिर भी, जब एक शव के लिए जमीन की खुदाई में प्रशासन का सहयोग मांगा गया, तो विनम्रता के बदले उपेक्षा, संवेदनहीनता और अहंकार ही मिला।

सुनील सेन सेट न्यूज जबलपुर,7974423030

jabalpur reporter

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