जबलपुर : मक्खियाँ उड़ाता रहा पिता, सरकार नहीं आई, ‘मोक्ष’ ने बढ़ाया हाथ संवेदनहीन व्यवस्था के बीच इंसानियत ने दी सांत्वना, अंधमुख बाईपास पर दिल को चीर देने वाला दृश्य

 जबलपुर : मक्खियाँ उड़ाता रहा पिता, सरकार नहीं आई, ‘मोक्ष’ ने बढ़ाया हाथ संवेदनहीन व्यवस्था के बीच इंसानियत ने दी सांत्वना, अंधमुख बाईपास पर दिल को चीर देने वाला दृश्य
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SET NEWS, जबलपुर | कभी किसी ने सोचा है कि एक बुजुर्ग बाप अपने जवान बेटे की लाश को गोद में लिए बैठा हो, और बस एक गमछे से उस शव पर बैठी मक्खियाँ उड़ा रहा हो… आंखें सूख चुकी हों, लेकिन मदद की आस बाकी हो… कुछ ऐसा ही मंजर अंधमुख बाईपास पर देखने को मिला।

मेंद्र दास, उम्र 65 वर्ष, ग्राम बरघाईया, थाना रावनबड़ा, जिला छिंदवाड़ा निवासी गरीब मजदूर हैं। अपने 30 वर्षीय बेटे महेन्द्र को इलाज के लिए जबलपुर मेडिकल लाए थे। 27 जून को भर्ती हुआ बेटा 19 जुलाई को अधूरी हालत में डिस्चार्ज कर दिया गया। किराया जोड़ते-जोड़ते दो दिन गुजर गए। आखिर जैसे-तैसे बेटे को लेकर घर लौटने निकले, लेकिन रास्ते में ही महेन्द्र ने दम तोड़ दिया।

बाप चीखता रहा, चिल्लाता रहा… लेकिन कोई सरकारी मदद नहीं आई। बेटे की लाश पर बैठकर वह सिर्फ मक्खियाँ उड़ाता रहा और आंसुओं में डूबा रहा।

तभी समाजसेवी आशीष ठाकुर ‘मोक्ष’ तक खबर पहुंची। वह तुरंत मौके पर पहुंचे और अंधमुख बाईपास के बुकिंग एजेंट, चाय वालों और राहगीरों के साथ मिलकर एम्बुलेंस की व्यवस्था करवाई।

jabalpur reporter

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