जबलपुर: अफगानियो के मददगार भी रडार पर जांच एंजेसियां तलाश में जुटी

 जबलपुर: अफगानियो के मददगार भी रडार पर जांच एंजेसियां तलाश में जुटी
SET News:
जबलपुर। छोटी ओमती क्षेत्र में पकड़े गए अफगानी युवक सोहबत खान के मामले में अब एटीएस और अन्य जांच एजेंसियां उन लोगों की भी तलाश में जुट गई हैं, जिन्होंने उसे फर्जी दस्तावेज तैयार कराने, पुलिस वेरिफिकेशन कराने और पासपोर्ट बनवाने में मदद की थी। जांच टीम को संदेह है कि इस पूरे नेटवर्क में कुछ स्थानीय लोग भी शामिल थे, जिनकी भूमिका बेहद अहम रही है।
एटीएस ने पूछताछ के दौरान पाया कि फर्जी दस्तावेज तैयार करने वालों के साथ-साथ पुलिस वेरिफिकेशन में सहयोग देने वाले और पासपोर्ट कार्यालय या पोस्ट ऑफिस से मिलकर पासपोर्ट जारी कराने वाले लोग भी इस गिरोह का हिस्सा थे। अब एजेंसियां इनकी पहचान कर रही हैं और जल्द ही कई नाम सामने आने की संभावना जताई जा रही है।
सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि अगर इस तरह की मददगार श्रृंखला का भंडाफोड़ नहीं हुआ तो विदेशी नागरिकों को आसानी से भारतीय पहचान मिलती रहेगी, जिससे गंभीर सुरक्षा खतरे पैदा हो सकते हैं। यही कारण है कि जांच का दायरा सिर्फ आरोपी सोहबत खान तक सीमित न रहकर उन सभी तक बढ़ाया जा रहा है जिन्होंने इस नेटवर्क को खड़ा करने में सहयोग किया।
गौरतलब है की 1 अगस्त को एटीएस ने कार्रवाई करते हुए सोहबत खान पिता बदरुद्दीन खान को गिरफ्तार किया था। सोहबत ने जबलपुर में रहते हुए एक युवती से निकाह भी कर लिया था। उसने साल 2015 में ड्राइविंग लाइसेंस और 2020 में फर्जी दस्तावेजों से भारतीय पासपोर्ट बनवाया था। इसके अलावा वह पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ में रहने वाले अपने अफगानी साथियों के लिए भी जबलपुर के पते पर पासपोर्ट बनवा रहा था।  इस मामले में एटीएस ने सोहबत खान के साथ-साथ दिनेश गर्ग (विजयनगर), महेंद्र कुमार सुखदन (कटंगा) और चंदन सिंह (शंकर शाह नगर) को भी गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसियां अब उन लोगों तक भी पहुंच रही हैं, जिन्होंने फर्जी दस्तावेज बनाने, पुलिस वेरिफिकेशन कराने और पोस्ट ऑफिस से पासपोर्ट दिलवाने में मदद की थी।

jabalpur reporter

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