जबलपुर: एई-जेई भी कर चुके सामूहिक इस्तीफे की पेशकश,एसई संजय अरोरा की कार्यशैली से बिजली विभाग में बगावत, फूट सकता हैं आक्रोश

 जबलपुर: एई-जेई भी कर चुके सामूहिक इस्तीफे की पेशकश,एसई संजय अरोरा की कार्यशैली से बिजली विभाग में बगावत, फूट सकता हैं आक्रोश
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जबलपुर। शहर की बिजली आपूर्ति व्यवस्था को लेकर अधीक्षण अभियंता (सिटी) संजय अरोरा की कार्यशैली पर घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा। डीई के बाद अब एई और जेई भी अरोरा की प्रताड़ना से तंग आ चुके हैं। बताया जाता है कि महज एक माह पहले शहर के सभी एई और जेई सामूहिक इस्तीफा लेकर एमडी अनय द्विवेदी के पास पहुंच गए थे, जिसके बाद विभाग में हड़कंप मच गया था।

फटकार और प्रताड़ना से टूटा मनोबल-
सूत्रों के अनुसार, अरोरा की कार्यशैली में सहयोग और संवाद की जगह फटकार और दबाव ने अधिकारियों का मनोबल तोड़ दिया है। यही वजह रही कि डीई के बाद अब एई और जेई भी खुलेआम विरोध की स्थिति में पहुंच गए। विभाग के अंदरखाने यह चर्चा है कि अगर स्थिति यही रही तो फील्ड स्टाफ कामकाज से हाथ खींच सकता है।

गणेशोत्सव पर संकट का साया-
गणेशोत्सव की शुरुआत हो चुकी है और त्योहारों के दौरान बिजली आपूर्ति का सुचारु रहना बेहद जरूरी है। लेकिन अधिकारियों और एसई सिटी के बीच जारी टकराव का खामियाजा सीधे जनता को भुगतना पड़ सकता है। लापरवाही और आपसी खींचतान का असर सप्लाई व्यवस्था पर पड़ने से शहरवासियों को त्योहारों में अंधेरे और घंटों की परेशानी झेलनी पड़ सकती है।

कटनी से जबलपुर तक विवादों की कड़ी-
संजय अरोरा का विवादों से पुराना रिश्ता रहा है। कटनी में भी उनका कार्यकाल अधीनस्थ अधिकारियों से टकराव और मनमानी के लिए सुर्खियों में रहा था। अब वही हालात जबलपुर में दोहराए जा रहे हैं, जहां अधीनस्थ अधिकारी खामोश पीड़ा सहने को मजबूर हैं।

जनता कब तक चुकाएगी कीमत-
अधिकारियों के बीच अविश्वास और प्रताड़ना का सीधा असर फील्ड पर दिख रहा है। शिकायतों का समाधान समय पर नहीं हो रहा, निरीक्षण की कमी है और बार-बार सप्लाई बाधित हो रही है। सवाल यह है कि जनता कब तक इस नौकरशाही टकराव की कीमत चुकाती रहेगी? विभागीय अफसरों को अब तय करना होगा कि शहर की बिजली व्यवस्था बचानी है या व्यक्तिगत मनमानी को बढ़ावा देना है।

jabalpur reporter

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