इंदौर ZOO के भेड़ियों में रैबिज फैलने की इनसाइड STORY:प्रबंधन का कहना कई कारण हो सकते है इन्फेक्शन फैलने के, बिल्ली ,उल्लू , या फिर सलाइवा में ही रहा होगा इन्फेक्शन

गुरुवार को इंदौर के चिड़ियाघर में तीन दिनों में 6 भेड़ियों की मौत के बाद जू में हड़कंप मच गया। ताबड़तोड़ प्रबंधन ने एंटी फंगल दवा का छिड़काव कराया। मौत का कारण रैबिज का इन्फेक्शन फैलना सामने आया था। वहीं 6 मौत के बाद अब जू में सिर्फ 2 भेड़िए शेष बचे हैं। प्रबंधन भेड़ियों में फैले इन्फेक्शन का कारण खोज रहा है।
जू प्रभारी डॉ. उत्तम यादव का कहना है कि इन्फेक्शन होने का कोई एक स्पष्ट कारण अभी सामने नहीं आया है। क्योंकि इन्फेक्शन फैलने के कई करना हो सकते हैं। हो सकता है कि पहले से भेड़ियों के लार्वा में यह इन्फेक्शन हो और एक दूसरे को काटने के बाद यह सभी में फैला है। वहीं चिड़िया घर में रोजाना बाहर से बिल्लियां खाना ढूंढने के लिए आ जाती हैं। हो सकता है कि यह उनसे जानवरों के पिंजरों में पहुंचा हो। लेकिन जू प्रबंधन सतर्क है। इंफेक्शन अन्य जानवरों में ना फैले इस पर भी लगातार नजर रखी जा रही है।
1 वर्ष पहले थे 12 भेड़िए अब रह गए सिर्फ दो
एनीमल ब्रीडिंग प्रोग्राम के तहत इंदौर प्राणी संग्रहालय में एक माह पहले भेड़ियों ने 9 बच्चों को जन्म दिया था । इसके साथ ही इंदौर जू में भेड़ियों की संख्या देशभर में सबसे ज्यादा 12 हो गई थी। देशभर में कुल 50 भेड़िए जू में हैं। प्रदेश में भेड़ियों की सर्वाधिक संख्या के कारण सरकार ने भी वुल्फ स्टेट की ओर आगे बढ़ने का दावा किया। मप्र में फिलहाल पूरे देश में सर्वाधिक 772 भेड़िए हैं। इस संबंध में वन विभाग ने ट्वीट कर जानकारी दी थी। लेकिन पिछले एक हफ्ते में हुई भेड़ियों की लगातार मौतों के बाद अब यहां केवल दो भेड़िए ही बचे हैं।
इंदौर जू में 643 प्रकार के प्राणी
इंदौर जू में सबसे ज्यादा भेड़िए थे। इसके अलावा मैसूर, हैदराबाद, जयपुर में भी भेड़िए हैं। एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत इंदौर जू ने एक नर और एक मादा भेड़िया को बिरसा जैविक उद्यान पहुंचाया था। भेड़ियों के बदले में जू से एक नर व एक मादा शुतुरमुर्ग कमला नेहरू जू भेजा था। इंदौर जू में कुल 643 प्रकार के जानवर हैं।