सुल्तान, सिकंदर और पठान के साथ साथ एक बकरा पीता है रोज 5 लीटर कोल्डड्रिंक,बहोराबाग कसाई मंडी में बकरों का लगा अनोखा मेला,

 सुल्तान, सिकंदर और पठान के साथ साथ एक बकरा पीता है रोज 5 लीटर कोल्डड्रिंक,बहोराबाग कसाई मंडी में बकरों का लगा अनोखा मेला,
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सुल्तान, सिकंदर और पठान के साथ साथ एक बकरा पीता है रोज 5 लीटर कोल्डड्रिंक,बहोराबाग कसाई मंडी में बकरों का लगा अनोखा मेला,

ईद उल-अजहा नज़दीक आते ही जबलपुर का बाजार भी रंग-बिरंगी रौनक से सज गया है। रद्दी चौकी स्थित बहोराबाग कसाई मंडी में बकरों का मेला लगा है, यह मार्केट रात 11 बजे से लगता है और सुबह 6 बजे खत्म होता है। जहां सुल्तान, सिकंदर और पठान जैसे नाम वाले बकरे के साथ साथ लद्दाख नस्ल का लद्दाख में होने बाली 14 इंच नस्ल के बकरा एसी और कूलर वाले कमरे में पलंग पर सोता है। दिखने में छोटा लेकिन लंबे बालों और सुंदर रंगत के कारण यह बकरा मंडी का आकर्षण बन हुआ है। गेहूं, मक्का और दाने इसका पसंदीदा खाना है। वहीं बीटल नस्ल सुल्तान नाम का बकरा प्रतिदिन 5 से 6 लीटर कोल्ड ड्रिंक पीता है और बिना कूलर के नहीं रहता। इसकी कीमत 1 लाख 55 हजार रुपये है। वही जमुनापारी नस्ल का सिकंदर नाम का बकरा भी काजू, बादाम और चिरौंजी खाने का शौकीन है। वही इन बकरों की खासियत जानकर ग्राहक भी हैरान हैं।

इस मेले में सबसे ज्यादा चर्चा में हैं – सुल्तान, सिकंदर, बीटल और पठान नाम के बकरे, जिनकी देखभाल और शौक किसी नवाब से कम नहीं है। दरअसल सुल्तान नाम का बकरा, जिसकी कीमत 1 लाख 55 हजार रुपये रखी गई है, बीटल नस्ल का है और इसका वजन लगभग 130 किलो है। व्यापारी मोहम्मद आशिफ के अनुसार, यह बकरा बेहद नखरीला है। इसे हर दिन पांच से छह लीटर कोल्ड ड्रिंक पीने की आदत है और यह बिना कूलर के रह ही नहीं सकता। यह एसी वाले कमरे में आराम से पलंग पर सोता है। इसके लिए खास ठंडा वातावरण बनाए रखा जाता है, ताकि गर्मी की मार से दूर रह सके। ऐसे ही कुछ लाइफ स्टाइल अंसाद की वह भी बिना कूलर के गर्मी में नही रहता है।

वहीं लद्दाख नस्ल का 14 इंच का एक बकरा अपने खास शौक और आदतों के कारण चर्चा में है। यह ठंडी नस्ल का बकरा होता है जिसे गर्मी नहीं लगती। इसकी खूबसूरती, लंबे बाल और छोटा कद लोगों को खासा आकर्षित कर रहा है। यह बकरा पत्तियों की बजाय गेहूं, मक्का और दाने खाता है। व्यापारी मोहम्मद इमरान बताते हैं कि इस बकरे की बोली 60 हजार रुपये तक पहुंच गई है। जमुनापारी नस्ल का सिकंदर नामक बकरा भी मेले में खासा आकर्षण बना हुआ है। यह बकरा चिरौंजी, काजू और बादाम जैसी चीजें खाता है। व्यापारी मोहम्मद हुशेन कुरैशी के अनुसार, यह बकरा पोषण और देखभाल में किसी शाही खानदान के सदस्य जैसा है। उसकी सुंदरता और चाल-ढाल देखते ही बनती है।

इस बार मंडी में सोजत और गुलाबी नस्ल के बकरों की डिमांड सबसे अधिक है। इनके अलावा दो क्विंटल वजन का देशी बकरा भी दर्शकों और खरीदारों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। हर बकरा अपनी खासियत और देखभाल की कहानियों के साथ मंडी की शोभा बढ़ा रहा है। बकरा व्यापारी मोहम्मद अलाउद्दीन बताते हैं कि हर साल इस मौके पर मंडी में खास तैयारियां की जाती हैं और ग्राहक भी अलग-अलग प्रजातियों के बकरों की तलाश में दूर-दूर से पहुंचते हैं। बकरा खरीदने आई छोटी बच्ची आयशा आफरीन ने भी मंडी में बकरों को देखकर अपनी खुशी जाहिर की और बताया कि उसे सबसे ज्यादा पसंद आया “सुल्तान”, जो बकरों की दुनिया का सितारा बन चुका है।

मंडी में सोजत और गुलाबी नस्ल के बकरों की मांग सबसे ज़्यादा है। ईद की तैयारियों में यह मंडी जान फूंक रही है। जहां बकरीद के मौके पर देशभर की दुर्लभ और महंगी नस्लों के बकरे बिक्री के लिए लाए गए हैं। मंडी में लद्दाखी, बीटल, सोजत, पंजाबी, देशी, हैदरावादी, सिरोजी और जमुनापारी जैसे कई नस्लों के बकरे देखने को मिल रहे हैं, लोगों का ध्यान खींच रहे हैं। वही बकरीद के पर्व को लेकर मंडी में रौनक और उत्साह चरम पर है।

jabalpur reporter

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