जबलपुर: फिर विधानसभा में गूंजेगा सौभाग्य योजना घोटाला!,2020 में उजागर हुए भ्रष्टाचार में दोषियों को मिली पदोन्नति,अब ऊर्जा विभाग ने फिर मांगी रिपोर्ट,

 जबलपुर: फिर विधानसभा में गूंजेगा सौभाग्य योजना घोटाला!,2020 में उजागर हुए भ्रष्टाचार में दोषियों को मिली पदोन्नति,अब ऊर्जा विभाग ने फिर मांगी रिपोर्ट,
SET News:

SET NEWS, जबलपुर। सौभाग्य योजना के नाम पर करोड़ों रुपये के फर्जी भुगतान का मामला एक बार फिर गरमा गया है। वर्ष 2020 में मंडला, डिंडोरी और सीधी-सिंगरौली जिलों में हुए इस घोटाले में जांच कर दो अधीक्षण यंत्री निलंबित किए गए थे। तब कार्यवाही की औपचारिकता पूरी कर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। अब इस मामले में एक बार फिर ऊर्जा विभाग को मिली शिकायत ने हड़कंप मचा दिया है। आरोप है कि जिस अधिकारी को सीधी-सिंगरौली क्षेत्र में योजना के काम की निगरानी रखने नोडल अधिकारी बनाया गया था, उसी की निगरानी में फर्जी बिलों के भुगतान किए गए, उस अधिकारी को दंडित करने के बजाय जबलपुर जैसे महत्वपूर्ण रीजन में मुख्य अभियंता पद पर पदोन्नति दे दी गई है। ऊर्जा विभाग ने कंपनी मुख्यालय से इस पूरे प्रकरण की बिंदुवार रिपोर्ट तलब की है। संभावना है कि यह मुद्दा आगामी विधानसभा सत्र में जोर-शोर से उठाया जाएगा।

सबसे ज्यादा अनियमितताएं सीधी-सिंगरौली में-
सूत्रों के अनुसार सौभाग्य योजना के तहत सीधी और सिंगरौली जिलों में लगभग 100 से 150 करोड़ रुपये के विद्युतीकरण कार्य स्वीकृत किए गए थे। कार्यों में 11 केवी लाइन विस्तार, केबलीकरण, स्टे व डीपी निर्माण और ट्रांसफार्मर स्थापना शामिल थे। लेकिन जमीन पर इन कार्यों का क्रियान्वयन या तो अधूरा रहा या हुआ ही नहीं। फिर भी ठेकेदारों को पूरा भुगतान कर दिया गया।

जांच में सामने आए थे कई चौंकाने वाले तथ्य-
पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में सामने आया था कि पोल नहीं लगाए गए। केबल बिछाई नहीं गई। टेपिंग व ब्रेसिंग सेट अधूरी थी। स्पान की लंबाई कम दर्शाकर भुगतान लिया गया और फर्जी साइट रिपोर्ट बनाकर बिल पास किए गए। इतना ही नहीं, कई जगह कार्य हुए ही नहीं थे, लेकिन कंपनी के दस्तावेजों में पूरा कार्य पूर्ण दिखाया गया।

वर्ष 2020 में निलंबन के बाद मामला दबा-
शुरुआत में मामला तूल पकड़ने पर दो एसई (अधीक्षण यंत्री) को निलंबित किया गया था। लेकिन कुछ माह बाद ही उन्हें बहाल कर दिया गया। अब इनमें से एक अफसर को जिसे सीधी-सिंगरौली में बतौर नोडल अधिकारी बनाया गया और उन्हीं की मौजूदगी में फर्जी बिल पास किए गए अब ऐसे ही दागी को जबलपुर रीजन का मुख्य अभियंता जैसे उच्च पद पर पदोन्नत कर दिया गया है। इससे ऊर्जा विभाग की नियत और निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

फिर से सक्रिय हुआ विभाग, मांगी विस्तृत रिपोर्ट-
ऊर्जा विभाग को हाल ही में एक विस्तृत पत्र प्राप्त हुआ है जिसमें घोटाले से जुड़ी पुरानी जांच रिपोर्ट, भुगतान आदेश, साइट निरीक्षण दस्तावेज और ठेकेदारों के नाम समेत कई जानकारियां दी गई हैं। इस पत्र के आधार पर विभाग ने अब कंपनी मुख्यालय से पुनः समस्त दस्तावेज तलब करने का कार्य शुरू कर दिया है। साथ ही नए सिरे से विस्तृत जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए हैं।

प्रमुख आरोप इस प्रकार हैं-

बिना पोल, केबलीकरण और डीपी लगाए भुगतान

फर्जी मस्टर रोल व साइट रिपोर्ट

मानकों के विरुद्ध कार्य और अधूरे कार्यों को पूर्ण दिखाना

भुगतान से पूर्व स्थल निरीक्षण न करना

दोषियों को दंडित करने की बजाय पदोन्नति देना

jabalpur reporter

Related post