ऑपरेशन गंगा LIVE:भारत सरकार के चार मंत्री यूक्रेन के आसपास के देशों में जाएंगे; 240 भारतीयों को लेकर छठी फ्लाइट दिल्ली पहुंची

यूक्रेन में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स को निकालने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष बैठक कर रहे हैं। इस बैठक चार मंत्रियों को यूक्रेन बॉर्डर से लगे पांच देशों में भेजने पर चर्चा की जा रही है। शुरुआती जानकारी के अनुसार हरदीप सिंह पुरी को हंगरी, किरण रिजिजू को स्लोवाकिया, ज्योतिरादित्य सिंधिया को रोमानिया और मॉलडोवा तथा जनरल वीके सिंह को पोलैंड भेजा जा रहा है। केंद्र सरकार ने फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए एक वैकल्पिक रेल रूट की पहचान की है। यह रेल रूट पश्चिमी यूक्रेन के उज़होरोड से हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट तक जाता है।
इस बीच सोमवार दोपहर यूक्रेन में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स को लेकर छठी फ्लाइट बुडापेस्ट, हंगरी से भारत पहुंच गई है। इसमें 240 लोग सवार थे। यह फ्लाइट दिल्ली पहुंच गई है। अब तक 1396 स्टूडेंट्स को यूक्रेन से भारत लाया जा चुका है।
इसके पहले 249 छात्रों और अन्य भारतीय नागरिकों को लेकर एयर इंडिया की 5वीं फ्लाइट आज सुबह दिल्ली पहुंची थी। रोमानिया के बुखारेस्ट से आई एयर इंडिया की फ्लाइट नंबर AI 1942 ने सोमवार सुबह करीब 6:30 बजे दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड किया।
इसके पहले 249 छात्रों और अन्य भारतीय नागरिकों को लेकर एयर इंडिया की 5वीं फ्लाइट आज सुबह दिल्ली पहुंची थी। रोमानिया के बुखारेस्ट से आई एयर इंडिया की फ्लाइट नंबर AI 1942 ने सोमवार सुबह करीब 6:30 बजे दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड किया।
सरकार की तरफ से यूक्रेन में फंसे भारतीयों को एयर लिफ्ट करने के लिए ‘ऑपरेशन गंगा’ चलाया जा रहा है।
सरकार की तरफ से यूक्रेन में फंसे भारतीयों को एयर लिफ्ट करने के लिए ‘ऑपरेशन गंगा’ चलाया जा रहा है।
चार मंत्री विदेश जाएंगे, वहीं से करेंगे ऑपरेशन गंगा की निगरानी
यूक्रेन से भारतीयों को सुरक्षित वापसी में सहयोग के लिए प्रधानमंत्री ने अपने चार मंत्रियों को यूक्रेन के आसपास के चार देशों में भेजने का फैसला किया है। इनमें हरदीप सिंह पुरी हंगरी, किरण रिजिजू स्लोवाकिया, ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया तथा मॉलडोवा और जनरल वीके सिंह पोलैंड जाएंगे। ये चारों मंत्री वहीं से ऑपरेशन गंगा की निगरानी करेंगे।
सरकार की तरफ से यूक्रेन में फंसे भारतीयों को एयर लिफ्ट करने के लिए ‘ऑपरेशन गंगा’ चलाया जा रहा है।
चार मंत्री विदेश जाएंगे, वहीं से करेंगे ऑपरेशन गंगा की निगरानी
यूक्रेन से भारतीयों को सुरक्षित वापसी में सहयोग के लिए प्रधानमंत्री ने अपने चार मंत्रियों को यूक्रेन के आसपास के चार देशों में भेजने का फैसला किया है। इनमें हरदीप सिंह पुरी हंगरी, किरण रिजिजू स्लोवाकिया, ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया तथा मॉलडोवा और जनरल वीके सिंह पोलैंड जाएंगे। ये चारों मंत्री वहीं से ऑपरेशन गंगा की निगरानी करेंगे।
यूक्रेन से लौटे भारतीय स्टूडेंट्स से दैनिक भास्कर ने बातचीत की…
हरियाणा का शिवम बोला-एम्बेसी ने देरी से जारी की एडवायजरी
हरियाणा के सोनीपत के गन्नौर निवासी शिवम अन्य स्टूडेंट के साथ यूक्रेन में फंसा था। वह रविवार को एयर इंडिया की फ्लाइट से घर लौटा। शिवम ने वहां के हालातों पर चर्चा करते हुए बताया कि यूनिवर्सिटी ने हर स्टूडेंट का साथ दिया। इंडियन एम्बेसी ने वहां फंसे छात्रों के लिए बहुत देरी से एडवाइजरी जारी की, जिससे वे संभल नहीं पाए।
तनाव में गुजरे 3 दिन
शिवम यूक्रेन के उजगोद शहर में MBBS के दूसरे सेमेस्टर में है। उसने बताया कि रूस ने यूक्रेन पर अटैक किया तो इंडियन छात्र घबरा गए थे। तब से देश लौटने तक का समय बेहद डर और तनाव में गुजरा है।
बसों से बॉर्डर तक पहुंचे
विश्वविद्यालय की 5 बसों में शनिवार को 250 स्टूडेंट को हंगरी लाया गया। प्रति विद्यार्थी 50 डॉलर किराया लिया गया। हमले के बाद वे तीन दिन तक हॉस्टल में ही रहे। उनकी हर सुविधा का ख्याल रखा गया। यहां तक कि जिन बच्चों के पास ATM बंद होने से किराए के पेसे नहीं बचे थे, वह भी यूनिवर्सिटी की ओर से दिए गए।
हरियाणा की महिमा बोली – TV पर न्यूज देखकर डर जाते थे; तनाव-दहशत में भारतीय छात्र
हरियाणा के पलवल की न्यू कॉलोनी निवासी समाजसेवी मनोज चावला की बेटी महिमा यूक्रेन में बुकोविनिन यूनिवर्सिटी (चरनी विक्सी) से MBBS कर रही है। वह रविवार को घर लौटी है। महिमा ने बताया कि यूक्रेन में फंसे बच्चे तनाव और दहशत में हैं। छात्र घर, बंकरों व यूनिवर्सिटी के हॉस्टलों में कैद रहने को मजबूर हैं। टीवी पर न्यूज देख कर उन्हें अपने परिजनों की याद सताती थी।
छत्तीसगढ़ का दीपक बोला- हंगरी में चेक पोस्ट पर हुई आसानी से एंट्री
यूक्रेन टू छत्तीसगढ़ का सफर- स्टूडेंट्स बोले- हंगरी में पहले से मौजूद थे दूतावास के लोग
महासमुंद जिले के सिन्धौरी निवासी दीपक साहू ने बताया वे रविवार को लौटे। उनका शहर हंगरी और स्लोवाकिया की सीमा से केवल 8-10 किमी दूर है। वहां युद्ध का असर नहीं है, लेकिन जब सभी को बाहर निकालने की बात आई तो हमने दूतावास से संपर्क किया। वहां से मिले निर्देशों के बाद 26 फरवरी की सुबह हम लोग छोटे-छोटे समूहों में यूनिवर्सिटी से बाहर निकले। बसों का इंतजाम हमारी यूनिवर्सिटी ने ही किया था। यह बस हमें हंगरी सीमा के चेकपोस्ट तक लेकर गई। वहां हंगरी स्थित भारतीय दूतावास के लोग पहले से मौजूद थे। दस्तावेज आदि देखने के बाद सभी को आसानी से प्रवेश मिल गया। चौकी को पार करने के बाद हमें बुडापेस्ट ले जाया गया। वहां से एअर इंडिया के विमान से सुबह दिल्ली पहुंचे।
रोमानिया बॉर्डर पहुंचना, मानो मौत के बीच से गुजरना
शुक्रवार रात को एंबेसी और यूनिवर्सिटी की ओर से बताया गया कि सभी लोगों को शनिवार सुबह 9 बजे रोमानिया, हंगरी या पोलैंड के रास्ते होकर भारत ले जाया जाएगा। इस मैसेज ने बम धमाकों के बीच जिदंगी की आस-सी जगा दी। हम सब बंकर में थे, बार-बार घड़ी देख रहे थे। बस बेसब्री से सुबह 9 बजने का इंतजार था। सुबह छह बजे से सब तैयार थे।
हमसे पहले एक बस रोमानिया बॉर्डर के लिए रवाना हुई। हम उस बस में बैठे अपने दोस्तों के संपर्क में थे। हमें बताया गया कि उस बस में सवार छात्रों के साथ यूक्रेन के स्थानीय लोगों ने लूटपाट शुरू कर दी है। उनके रुपए और खाने का सामान लूट लिया। इससे हम और डर गए।
इवानो से रोमानिया जाने वाली बसों में सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं था। बाद में हम सभी 60 बच्चों ने खुद बस हायर की और अपने रिस्क पर रोमानिया के लिए निकल पडे़। वहां बॉर्डर पर धक्का मुक्की में मैं गिर गई और कई लड़के मेरे उपर से गुजर गए। किसी तरह उठकर बॉर्डर पार की। वहां से फ्लाइट से भारत पहुंची हूं।
हिमाचल की कशिश बोलीं- हालात बेदह नाजुक, अभी कई दोस्त फंसे
परिजन ने नम आंखों से किया बेटियों का स्वागत
हिमाचल प्रदेश के ठियोग की कशिश शर्मा ने बताया कि यूक्रेन के हालात बेहद नाजुक बने हैं। पूर्वी यूक्रेन में लगातार हो रही बमबारी से माहौल तनावपूर्ण है। यूक्रेन में अभी भी उनके कई दोस्त और जान-पहचान के लोग फंसे हुए हैं। कशिश ने बताया कि उनकी यूनिवर्सिटी पश्चिमी यूक्रेन में है। वहां पर अभी भी हालात सामान्य हैं।
डिग्री नहीं जान की चिंता थी: ओशिमा
ठियोग की ही ओशिमा मोक्टा भी यूक्रेन से लौट आआ हैं। ओशिमा ने बताया कि उन्हें फिलहाल जान की चिंता थी, डिग्री की नहीं है। ओशिमा MBBS प्रथम वर्ष की छात्रा हैं। ओशिमा ने बताया कि कीव व आसपास के शहरों में लोग ज्यादा डरे व सहमे हुए हैं, क्योंकि वहां पर निरंतर बमबारी हो रही है।